गाजियाबाद जिले में शनिवार शाम पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात बदमाश बलराम ठाकुर मारा गया। बलराम अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य था और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। यह मुठभेड़ वेव सिटी थाना क्षेत्र के एक अंडरपास पर हुई, जहां दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं। फायरिंग के दौरान तीन पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत की बुलेटप्रूफ जैकेट पर भी गोली के निशान मिले, लेकिन वे सुरक्षित रहे।
बलराम ठाकुर लंबे समय से रंगदारी, लूट और हत्या जैसे अपराधों में सक्रिय था। दो दिन पहले ही उसने गाजियाबाद में लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में थी। शनिवार को जब टीम ने उसे घेर लिया, तो उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोलियों से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
घटना के दौरान तीन अन्य बदमाश मौके से फरार हो गए। बदमाशों की फायरिंग में पुलिस की गाड़ी पर भी गोलियों के निशान पाए गए। मौके से पिस्टल और रिवॉल्वर बरामद किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बलराम का मारा जाना दुजाना गैंग के लिए बड़ा झटका है। यह गैंग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रंगदारी और गुंडागर्दी के लिए कुख्यात रहा है। पुलिस का कहना है कि ऐसे अभियानों का मकसद अपराधियों में खौफ पैदा करना और जनता को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है।