लखनऊ : वर्तमान में प्रदेश में 7,727 गो आश्रय स्थलों में 16.35 लाख गौवंश को संरक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 2 लाख 46 हजार 426 गौवंशों को पशुपालक परिवाराें को सुपुर्द किया गया है। इसके लिए पशुपालकों को ₹1,500 प्रति माह प्रति गौवंश की सहायता दी जा रही है। नंदिकी कृषक समृद्धि योजना के तहत डेयरी और दुग्ध उत्पादन में 50 प्रतिशत अनुदान सरकार उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में कौशांबी, चंदौली, सहारनपुर, लखनऊ, हापुड़ और कुशीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अलग-अलग सेक्टर में स्थापित किये जा रहे हैं। वहीं प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना भी की जा रही है। कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार की उपलब्धियों की जानकारी विधान परिषद में दी।
दादरी (नोएडा) में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास हो रहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से अधूरा नेटवर्क और निवेश ठहरा हुआ था। उस समय केवल दो एक्सप्रेसवे थे, राष्ट्रीय राजमार्ग 12,000 किलोमीटर से कम थे, हवाई अड्डों दो क्रियाशील थे, दो आंशिक क्रियाशील थे। ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी नहीं थी और औद्योगिक कनेक्टिविटी के लिए कोई नीति नहीं थी। वहीं वर्ष 2017 से 2025 के बीच जल, थल और नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदेश में हुई है। आज प्रदेश के अंदर 22 एक्सप्रेस हो गये हैं, जिसमें 7 संचालित, 5 निर्माणाधीन और 10 प्रस्तावित हैं, जो देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा 16 हजार किलोमीटर रेल नेटवर्क स्थापित हुआ है। दादरी (नोएडा) में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास हो रहा है और ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन बनाया गया है। प्रदेश में पेयजल और सीवर की बेहतरीन सुविधा नगरीय क्षेत्र में उपलब्ध कराने का काम चल रहा है। प्रदेश में सीएम ग्रिड योजना के माध्यम से नगर निकायों के इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने का कार्य चल रहा है। आकांक्षीय नगर योजना के माध्यम से नये और पिछड़े नगर निकाय को बेहतर सुविधाओं से युक्त करने का काम चल रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2017 से पहले बिजली, घर, पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। वहीं, पंचायतों में संसाधन और क्षमताओं की कमी थी। वर्ष 2017 से 25 के बीच लगभग 57 लाख से अधिक परिवारों को पक्का आवास की सुविधा दी गयी है। मनरेगा के अंतर्गत 235 करोड़ मानव दिवस का सृजन हुआ है। प्रदेश में सभी योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी 42 फीसदी से अधिक है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 4,77,000 बेटियों की शादी की गयी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की महिला को अब तक 2,510 उचित दर की दुकानें आवंटित की जा चुकी हैं। प्रदेश में 165 विकासखंड को मुख्यालयों से टू लेन की कनेक्टिविटी से जाेड़ा गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए नियोजित प्रयास किये गये हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत प्रदेश में तेजी से कार्य किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन के लिए अब तक 12 हजार से अधिक आपदा मित्राें काे ट्रेनिंग दी गयी है। गरीबी उन्मूलन के तहत अब तक 6 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। जीरो पावर्टी अभियान के तहत 14 लाख परिवारों को चिन्हित किया गया है। इन सभी की फैमिली आईडी बनायी जा चुकी है। प्रदेश में 1 करोड़ 6 लाख लोगों को निराश्रित महिला, दिव्यांग और वृद्धावस्था पेंशन प्रति साल 12 हजार प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 4,77,000 बेटियों की शादी की गयी है। इसमें अनुदान की राशि 51 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गयी है। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़ा सुधार हुआ है। पिछले आठ वर्षों में 66 करोड़ 90 लाख पर्यटकों की संख्या पहुंच गयी है। अकेले महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या धाम, ब्रज तीर्थ विकास परिषद, विन्ध्यवासिनी धाम सहित अनेकों धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हुआ।
पहले पुलिस का ढांचा जर्जर बैरक थे, आज शहर में हाई-राइज़ बिल्डिंग यूपी पुलिस की आवासीय बिल्डिंग है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 से 2017 तक का उत्तर प्रदेश असुरक्षा और उच्च अपराध दर से जूझता रहा, जहां बेटियां और व्यापारी सभी असुरक्षित थे। इसके विपरीत, 2017 के बाद उनकी सरकार ने प्रदेश को भयमुक्त, निवेश-अनुकूल और समाज को सुरक्षित बनाने में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश अब सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के मॉडल के रूप में उभरा है, जो निवेशकों और नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में 2.19 लाख से अधिक नई पुलिस भर्तियां की गईं, हाल ही में हमने 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, जिनमें हर जनपद और हर विधानसभा क्षेत्र से युवा शामिल हैं। पुलिस प्रशिक्षण क्षमता को 3,000 से बढ़ाकर 60,000 तक पहुंचाया गया है। पहले पुलिस का ढांचा जर्जर बैरकों पर आधारित था, लेकिन आज किसी भी शहर में जो हाई-राइज़ बिल्डिंग होगी, वह यूपी पुलिस की आवासीय सुविधा होगी, जहां पुलिस जवानों के भवन होंगे। वर्तमान में प्रदेश के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र साइबर क्राइम है। पहले साइबर क्राइम का केवल एक थाना गौतम बुद्ध नगर में था, दूसरा थाना लखनऊ में खुला। आज सभी 75 जनपदों में एक-एक साइबर थाना सक्रिय हो चुका है। अब एक साइबर मुख्यालय बनाने की कार्रवाई प्रदेश के अंदर चल रही है, ताकि साइबर अपराध को रोकने में सरकार प्रभावी ढंग से काम कर सके। इसके अलावा, प्रदेश के सभी थानों में एक-एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी सरकार कर चुकी है।
अपराधों में आई कमी, विधि विज्ञान प्रयोगशाला की संख्या हुई 12
मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 1,04,718 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया, जिनमें 70 को मृत्युदंड, 8,785 को आजीवन कारावास, 1,583 को 20 वर्ष से अधिक की सजा, 5,303 को 10 से 19 वर्ष की सजा, और 80,944 को 5 वर्ष से कम की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत 144.31 अरब रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जिससे संगठित अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाया गया। मुख्यमंत्री ने 2016 की तुलना में 15 जुलाई 2025 तक अपराध दर में कमी के आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि डकैती में 94 प्रतिशत, लूट में 82 प्रतिशत, हत्या में 47 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण में 50 फीसदी, दहेज हत्या में 16 फीसदी और बलात्कार के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। यह कमी उनकी सरकार की कठोर नीतियों और प्रभावी पुलिस कार्रवाई का परिणाम है। इसके अलावा, विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की संख्या 4 से बढ़कर 12 हो गई है और 6 नई प्रयोगशालाएं निर्माणाधीन हैं, जो अपराधों की जांच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रही हैं।
अगले पांच वर्षों में प्रदेश की विकास दर 20 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2047 के लिए राज्य के विकास का खाका तैयार करते हुए विज़न डॉक्यूमेंट 2047 का प्रारूप सदन में प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह दस्तावेज़ फिलहाल एक प्रस्ताव है और इसे अंतिम रूप विशेषज्ञों, नीति आयोग और प्रदेश की जनता की राय के आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों की उपलब्धियों के आधार पर सरकार ने आगामी लक्ष्यों को तय किया है। वर्ष 2030 तक उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और अगले पांच वर्षों में विकास दर को 14-15% से बढ़ाकर 20% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री द्वारा 2047 तक भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के अनुरूप, उत्तर प्रदेश भी 1 से 6 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ने का रोडमैप बना रहा है। इसके लिए राज्य का जीडीपी योगदान 9.3% से बढ़ाकर कम से कम जनसंख्या अनुपात 16% के बराबर करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के संकल्प को मूर्त रूप देना है। इसके लिए तीन मुख्य थीम तय की गई हैं, जिसमें 12 सेक्टर्स को समाहित किया गया है।
12 प्रमुख सेक्टर में कार्ययोजना
सीएम योगी ने कहा कि इन थीम को आगे बढ़ाने के लिए 12 प्रमुख सेक्टर चिन्हित किए गए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री के 5टी — ट्रेड, टूरिज्म,टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन और टैलेंट को आधार बनाया गया है। अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ इन सेक्टरों पर चरणबद्ध तरीके से कार्य होगा, ताकि 2047 तक उत्तर प्रदेश आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सके।
ये होंगी तीन थीम और 12 सेक्टर्स
1. अर्थशक्ति: समावेशी विकास का इंजन
– कृषि के क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देना
कृषि विकास, कृषि शिक्षा, उद्यान, गन्ना एवं चीनी उद्योग, सिंचाई एवं जल संसाधन पर फोकस करना
– पशुधन समृद्धि
पशुपालन, डेयरी विकास विभाग, मत्स्य विकास पर काम करना।
– उद्योगों की उड़ान
औद्योगिक विकास विभाग, एमएसएमई
– डिजिटल प्रदेश
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
– आस्था का सम्मान
पर्यटन, धर्मार्थ कार्य और संस्कृति विभाग
2. सृजन शक्ति: विकास की नींव के रूप में काम करेंगे
– ईज ऑफ लिविंग
नगर विकास विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम विकास विभाग
– सुगम्य प्रदेश
परिवहन विभाग, नागरिक उड्डयन और इससे जुड़े कनेक्टिविटी को बेहतर करने वाले विभाग
– संतुलित विकास
रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, हाइड्रो पावर
3. जीवन शक्ति: समृद्ध जीवन और सशक्त समाज
– वंचित को वरीयता
महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, श्रम विभाग, अल्पसंख्यक और युवा कल्याण विभाग
– आरोग्य प्रदेश
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुष विभाग
– शिक्षा और कौशल विकास
बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग, कौशल विकास, प्राविधिक, व्यावसायिक शिक्षा
– सुरक्षा और सुशासन
गृह, होमगार्ड, भाषा विभाग