कोलकाता। बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए व्यापक हिंसा के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। ग्राम पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति की करीब 64,000 सीटों के लिए मतदान शुरू होते ही विभिन्न जिलों से हिंसा और बूथ लूटने जैसी खबरें लगातार सामने आ रही है।
कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से पहले बीती रात से लेकर अब तक हिंसा में नौ लोगों की मौत की खबर है, जबकि दर्जनों लोग बम- गोली से जख्मी हुए हैं।
यह चुनाव नहीं मौत है
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हो रही हिंसा को लेकर टीएमसी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव नहीं मौत है। अधिकारी ने कहा, “पूरे राज्य में हिंसा की आग लगी हुई है। केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया गया है। सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं। यह मतदान नहीं बल्कि लूट है…यह टीएमसी के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत है। इसीलिए इतनी हत्याएं हो रही हैं।”
मुर्शिदाबाद-कूचबिहार में हिंसा जारी
मुर्शिदाबाद व कूचबिहार जिला, जो पिछले पंचायत चुनावों के दौरान हमेशा हिंसा का केंद्र रहा है, मतदान के पहले व इसके शुरू होने के कुछ मिनटों के भीतर ही वहां फिर से बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई। दिनहाटा के इंद्रेश्वर प्राथमिक विद्यालय में मतपेटी में पानी फेंक दिया गया, जिससे बाद मतदान स्थगित कर दिया गया।
चुनाव के नाम पर मजाक
बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हो रही भारी हिंसा पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों को पूरी तरह से गुमराह किया है। जिन मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत थी, वहां उन्हें नहीं भेजा गया, बल्कि उन बूथों पर लगाया गया, जहां अशांति व गड़बड़ी की आशंका नहीं थी। पंचायत चुनाव के नाम पर मजाक किया जा रहा है।
मजूमदार ने आगे कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने जो निर्देश दिया था, उसका उल्लंघन हुआ है। भाजपा इसके खिलाफ अदालत जाएगी।