मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिसकर्मियों की पिटाई से युवक की मौत के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर दोषी पाए गए दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। सीएम ने कहा कि कानून सबके लिए समान है और अपराध करने वाला कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
यह मामला गुरुवार रात का है, जब इंद्रपुरी इलाके में 22 वर्षीय उदित गायकी अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात आरक्षक संतोष बामनिया और आरक्षक सौरभ आर्य से उसका विवाद हो गया। बहस बढ़ने पर पुलिसकर्मियों ने उदित के कपड़े उतारकर उसकी लाठी से पिटाई कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पिटाई से उसकी पैनक्रियाज को गंभीर क्षति पहुंची और ट्रॉमा अटैक के कारण उसकी मौत हो गई।सरकारी आदेश के बाद दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 103(1) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीसीटीवी फुटेज में सामने आई सच्चाई।
घटना की पुष्टि क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों से हुई है। फुटेज में पुलिसकर्मी और उदित दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं। एक वीडियो में सौरभ आर्य को उदित के पैर पर लाठी से वार करते हुए देखा गया है।
एफआईआर में पुलिस का पक्ष
एफआईआर के मुताबिक, मृतक और उसके दोस्त नशे में थे। उदित ने पुलिसकर्मियों से बदतमीजी करते हुए कहा कि वह उनकी वर्दी उतरवा देगा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने उसे शांत कराने के लिए हल्का बल प्रयोग किया था ताकि कोई व्यवधान न हो। उदित की तबीयत बिगड़ने पर उसे एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कारण
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि उदित की मौत पेट पर लगी जोरदार चोट के कारण हुई। उसके पैनक्रियाज में गंभीर सूजन और रक्तस्राव पाया गया। शरीर पर कई चोटों के निशान भी मिले हैं, जो उसके जीवित रहते हुए लगे थे।इस घटना के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।