वास्तुशास्त्र घर, भवन अथवा मन्दिर निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है, उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु है। वस्तु शब्द से वास्तु का निर्माण हुआ है।
वास्तुशास्त्र में दिशाओं का बहुत अधिक महत्व है। घर में रखी हर चीज किसी न किसी तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में यदि घर को वास्तु के अनुसार सजाया जाए तो उसके अंदर पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है और घर के हर व्यक्ति सुखी, निरोग जीवन बिताता है।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु दोषों को दूर करने के लिए घर के अंदर की सजावट बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है। कौन सा सामान कहां रखा गया है इस बात से घर के भीतर मौजूद एनर्जी प्रभावित होती है। इसलिए घर बनाते वक्त उसे वास्तु शास्त्र के अनुसार सजाना बेहद जरूरी है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप घर में तोड़फोड़ करना चाहते हैं तो घर की छत पर एक बड़ा गोल आईना रख दें। जिससे उसकी छाया उस आईने में बनती रहे। इससे घर में तोड़फोड़ होने से जो वास्तु दोष उत्पन्न होता है वह खत्म हो जाता है।
-हम सभी का स्वास्थ्य, हमारे खान-पान से जुड़ा हुआ है। ऐसे में गलत दिशा में रसोईघर का होना बहुत सारे वास्तु दोष उत्पन्न करता है इसीलिए रसोई घर के आग्नेय कोण में बल्ब जलाकर रखें और बल्ब को सुबह-शाम जलता हुआ रहने दें।
-यदि आप किसी खाली जमीन पर घर बनाना चाहते हैं और उस जमीन पर घर बनाने का योग नहीं बन पा रहा, ऐसे में उस जमीन पर पुष्य नक्षत्र में एक अनार का पौधा लगा दें। इससे उस जमीन पर मकान बनने का योग बन जाएगा।
-हिंदू धर्म में स्वास्तिक को बेहद शुभ माना गया है। किसी भी घर में स्वास्तिक चिन्ह का होना बेहद शुभ संकेत होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा 9 उंगल लंबा और 9 उंगल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह घर के मेन गेट पर बनाएं। इससे घर सभी रोग और दोष से मुक्त रहता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हमारा दावा है। विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।