नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में की गई पूजा को बहुत उपयोगी माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ मास में पहला प्रदोष व्रत कल 17 मई 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन पंचक का भद्रा काल भी लग रहा है।
बुध प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त और योग
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ 16 मई को रात्रि 11 बजकर 36 मिनट से होगा और इस तिथि का समापन 17 मई को रात्रि 10 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा। बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल अर्थात शाम 07 बजकर 06 मिनट से रात्रि 09 बजकर 10 मिनट के बीच किया जानें का विधान है। इसके साथ इस विशेष दिन पर आयुष्मान योग का भी निर्माण हो रहा है, जो रात्रि 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
बुध प्रदोष व्रत 2023 पंचक और भद्रा
पंचांग में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास के पहले प्रदोष व्रत के दिन भद्रा और पंचक लग रहा है, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में अति अशुभ समय की श्रेणी में रखा गया है। इस दिन भद्रा काल रात्रि 10 बजकर 28 मिनट से 18 मई सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। साथ ही पंचक, सुबह 05 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इन दोनों अशुभ समय में कुछ विशेष कार्यों पर रोक लग जाती है।
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