नई दिल्ली। माना जाता है कि सतयुग में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और प्रचलित चैत्र नवरात्रि थी, इसी दिन से युग का आरंभ भी माना जाता है। इसलिए संवत का आरंभ चैत्र नवरात्रि से ही होता है। 2023 की चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू हो रही है। इस साल चैत्र नवरात्रि पर माता का वाहन नाव होगी, जो इस बात का संकेत है इस साल खूब वर्षा होगी।
चैत्र नवरात्रि में अबकी बार पूरे नौ दिनों की नवरात्रि होगी। नवरात्रि के दौरान तीन सर्वार्थ बार सिद्धि योग 23 मार्च, 27 मार्च, 30 मार्च को लगेगा। जबकि अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को लगेगा। रवि योग 24 मार्च, 26 मार्च और 29 मार्च को लगेगा। नवरत्रि के अंतिम दिन रामनवमी के दिन गुरु पुष्य योग भी रहेगा।
आइए जानते हैं इन शुभ योगों के बीच चैत्र नवरात्रि की प्रमुख तिथियां, किस दिन किस देवी की पूजा होगी।
चैत्र नवरात्रि 2023 का पहला व्रत मां शैलपुक्षी की पूजा व घटस्थापना-22 मार्च 2023
दूसरा व्रत मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-23 मार्च 2023
तीसरा व्रत मां चंद्रघंटा की पूजा- 24 मार्च 2023
चैत्र नवरात्रि चौथा व्रत मां कूष्मांडा की पूजा- 25 मार्च 2023
पांचवा व्रत मां स्कंदमाता की पूजा-26 मार्च 2023
छठा व्रत मां कात्यायनी की की पूजा- 27 मार्च 2023
सातवां व्रत मां कालरात्रि की पूजा की की पूजा- 28 मार्च 2023
आठवां व्रत मां महागौरी की पूजा- 29 मार्च 2023
नवमी व्रत की पूजा व राम नवमी तिथि- 30 मार्च 2023
नवरात्रि व्रत पारण 31 मार्च 2023
इस तरह करें पूजा
चैत्र नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए। नवरात्रि के पहले दिन व्रत का परण लिया जाता है। बहुत से भक्त नवरात्रि पर नौ दिन व्रत रखते हैं।
इस दिन कलश में जल भरकर पूजा स्थल पर रखा जाता है। कलश के मुख पर कालावा बांधें और फिर ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखकर नारियल रख दें। इसके बाद धूप व दीप जलाकर मां दुर्गा की आरती व पूजा करें।