छठ महापर्व का दूसरा दिन आज खरना पूजा के साथ आरंभ हो गया है। इस दिन व्रती सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना करते हैं और निर्जला व्रत की शुरुआत करते हैं।
खरना पूजन की परंपरा के अनुसार, सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर आत्मिक शुद्धि का संकल्प लिया जाता है। इसके बाद सूर्य देव और छठी मैया का ध्यान करते हुए दिनभर व्रत रखा जाता है। शाम के समय पूजा से पहले पूजन स्थल की सफाई कर दी जाती है और सूर्यास्त के बाद प्रसाद तैयार किया जाता है। प्रसाद में आमतौर पर गुड़ की खीर और आटे की रोटी बनाई जाती है।
सूर्य देव और छठी मैया की विधिवत पूजा कर भोग लगाया जाता है। इसी के साथ 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। खरना का दिन शारीरिक और मानसिक पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान व्रती अपने मन, विचार और कर्म को शुद्ध करने का संकल्प लेते हैं, जिससे आगामी दिनों की पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है।

