नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो इस व्रत को रखता है उसे ब्रह्महत्या सहित कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत?
रमा एकादशी व्रत तारीख
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। एकादशी तिथि के आरंभ सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर होगा और 9 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी।
दरअसल, एकादशी उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
रमा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा मंदिर में स्थापित करें। यदि आपके पास पहले से ही प्रतिमा है तो भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कराएं।
व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करें।
भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प अर्पित करें।
इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें साथ ही रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
रमा एकादशी व्रत का लाभ
पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है। उससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। साथ ही रमा एकादशी के व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दुन माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है