लखनऊ। कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के वीसी विनय पाठक (Vinay Pathak) पर एफआईआर (FIR) हुई है। उनके खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में बंधक बनाकर रंगदारी वसूली की एफआईआर दर्ज हुई है।
यह भी पढ़ें
मोरबी पुल हादसे पर पीएम मोदी भावुक, कहा- मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की
ट्विटर में जाएगी कई कर्मचारियों की नौकरी, बड़ी छंटनी की तैयारी में एलन मस्क
विनय पाठक के साथ लखनऊ की एक प्रिंटिंग प्रेस मालिक अजय मिश्रा भी एफआईआर में नामजद हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद यूपी एसटीएफ (UP STF) ने अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
आरोप है कि डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति रहने के दौरान प्रो. विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया,जिसके बाद इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है। एसटीएफ ने इस मामले में एक निजी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दरअसल, कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने इंदिरानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विनय पाठक ने बकाया भुगतान के लिए 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की।
कमीशन न देने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी भी दी। डेविड का आरोप है कि कुलपति ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से कमीशन ली। डेविड का कहना है कि उन्होंने अजय मिश्रा को अब तक 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है।
कुलपति पर ये भी आरोप
डेविड का यह भी आरोप है कि वर्ष 2022-23 का अनुबंध करवाने की एवज में और कमीशन की मांग की गई।मांग पूरी न करने पर यूनिवर्सिटी का काम अजय मिश्रा को दे दिया गया। मामले में अभी तक विनय पाठक की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
Vinay Pathak, FIR on Vinay Pathak, Kanpur University VC Vinay Pathak,