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प्रादेशिक

भगवान शिव को खुश करने के लिए महिला ने ली समाधि, घर वालों ने ही खोदा गड्ढा

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कानपुर। भले की दुनिया 21वीं सदी में प्रवेश कर गई हो लेकिन कभी कभी अंधविश्वास के ऐसे मामले सामने आ जाते हैं जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। कुछ ऐसा ही मामला यूपी के कानपुर से सामने आया है। यहां भगवान शिव की दिन-रात अराधना करने वाली एक महिला ने बुधवार को 48 घंटे के लिए जिंदा समाधि ले ली। महिला ने दावा किया कि भगवान शिव ने उसे दर्शन देकर समाधि लेने के लिए कहा है। इसके बाद महिला ने घर के आंगन में गड्ढा खुदवाकर जिंदा समाधि ले ली। हालांकि, पुलिस को जब मामले की जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचकर उसने महिला को गड्ढे से बाहर निकलवाया। महिला की हालत सामान्य है।

मढ़ा गांव के रामसजीवन की पत्नी गोमती बीते पांच वर्षों से घर के पास स्थित एक शिवमंदिर में सुबह वह शाम तीन-तीन घंटे पूजा-पाठ करती है। उसने ऐलान किया कि वह 48 घंटे के लिए समाधि लेगी। इसके बाद परिवार के लोगों ने घर के बाहर बकायदा टेंट लगाकर एक चबूतरे में करीब पांच फीट चौड़ा व चार फीट गहरा गड्ढा खोदा। सुबह करीब आठ बजे गोमती ने समाधि से पहले कई घंटे पूजा-पाठ किया और बाद में लाल साड़ी पहनकर सिर में मुकुट लगाया और हाथ में त्रिशूल लेकर वह गड्ढे में बैठ गई। बेटे अरविन्द,रावेन्द्र व कुछ रिश्तेदारों ने गड्ढे को लकड़ी के पटरों से ढक दिया और उसके ऊपर मिट्टी की परत बिछा दी। गोमती के समाधि लेने के बाद उस स्थान पर फूल चढ़ने लगे और गांव की महिलाएं व पुरुष भजन कीर्तन करने लगे। कई घंटे बाद इसकी सूचना कुछ लोगों ने पुलिस को दे दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने जब महिला को समाधी से निकलवाना चाहा तो लोग इसका विरोध करने लगे। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई की तो सभी पीछे हट गए। पुलिस ने महिला को समाधी से निकलवाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के बाद वापस उसे घर भेज दिया गया। महिला पूरी तरह स्वस्थ्य है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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