प्रादेशिक
प्रदेश के 52 जिलों में कोविड संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या नये मामलों से ज्यादा: नवनीत सहगल
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर लगातार कार्य किया जा रहा है। जिसकी स्वयं मुख्यमंत्री जी द्वारा समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि 75 जनपदों में से 52 जनपद ऐसे हैं जहां पर कोविड संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या नये मामलों से ज्यादा है। प्रदेश में एक सप्ताह से कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 02 लाख 32 हजार से अधिक टेस्ट किये गये हैं तथा 40,852 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।
सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आज 05 मई, 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश एकमात्र प्रदेश है जहां पर कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ऐसा अभियान चलाया जा रहा है। आर0आर0 टीम के द्वारा लक्षणयुक्त वाले लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आर0आर0टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे ग्राम पंचायत/स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर में रखा जायेगा। इन क्वारंटीन सेंटरों में रहने वाले लोगों की देखभाल एवं खान-पान की व्यवस्था सरकार कर रही है।
सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी को विस्तार करते हुए अब प्रदेश में 10 मई सोमवार प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रहेगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहेंगी। पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 58,194 ग्राम पंचायतों जिनमें 97,509 राजस्व गांव है जिसमें ़68,737 कर्मचारी लगाये गये हैं जो कि सफाई का काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 19 हजार गांवों में हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया गया है और 9,883 गांवों में फाॅगिंग की जा रही है। इसी तरह से नगरीय क्षेत्र में भी लगभग 12,016 वार्डों में 81 हजार श्रमिकों को लगाकर यह अभियान चलाया जा रहा है। 9,300 वाहनों द्वारा 09 हजार से अधिक जगहों से कूड़ा उठाकर अलग रखा गया है। इस 5,515 टीमों द्वारा पूरे प्रदेश के 12 हजार वार्डों में सफाई का काम निरन्तर किया जा रहा है। संक्रमण की चेन को तोड़ने में तथा अन्य प्रकार की संक्रमणयुक्त वाली बीमारियों को समाप्त करने में सहायक साबित हो रहा है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को अब तक 1,05,68,125 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। उन्होंने बताया कि 01 मई, 2021 से 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण 07 जिलों में तेजी से किया जा रहा है। जिसके तहत अब तक 51,284 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा 18-44 आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार इस अभियान में तेजी लाने के ग्लोबल टेण्डर भी किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि विशिष्ट समूह जैसे-सरकारी कर्मचारी तथा उनके परिजन, मीडिया बन्धु तथा उनके परिजन तथा गरीब वर्ग को प्राथमिकता से सरकारी टीकाकरण का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण निःशुल्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 मरीजों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पहले 50 प्रतिशत एम्बुलेंस डेडिकेटेड की गयी थी जिसे बढ़ाकर अब 75 प्रतिशत कर दिया गया है। जिससे मरीजों को अस्पतालों में पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने बताया कि नगर निगम/पंचायतों को शव वाहनों की भी व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में रखे जाने के निर्देश दिये गये हैं।
सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 746 मी0टन आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। जिसे 850 मी0 टन किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 37 अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी गयी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा अन्य 44 अस्पतालों के लिए भी आॅक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गयी है जिसके क्रम में 09 अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य अन्तिम चरण में चल रहा है। उन्होंने बताया कि मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सभी जिलों में 4,370 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक सीएचसी में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी कोविड अस्पतालों में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि कोई भी अस्पताल मेडिसीन की तय शुल्क से अधिक शुल्क की मांग मरीजों के परिजनों से न करें, अगर कोई अधिक शुल्क मांगता है तो इसकी शिकायत दर्ज कराएं। निजी अस्पताल आयुष्मान भारत की तय की गयी शुल्क के अनुसार ही पैसा लें। सहगल ने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र ही उनके आने-जाने के पास है। उन्होंने बताया कि 72 हजार कोविड हेल्प डेस्क औद्योगिक इकाइयों में बनाये गये है। उन्होने बताया कि जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे है। वहां पर कोविड केयर सेंटर बनाये जाये। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।
सहगल ने बताया कि कल मुख्यमंत्री जी द्वारा गेहूं के किसानों से वर्चुअल संवाद किया गया था। वर्चुअल संवाद के दौरान मुख्यमंत्री जी को किसानों ने बताया कि उनकी फसल का भुगतान उन्हें समय से मिल रहा है, और वो सरकार के द्वारा चलाये जा रहे गेहूं खरीद की योजना से संतुष्ट हैं। प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 15,23,820.56 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों में उत्पादन चल रहा है। गन्ना किसानों को इस वर्ष का अब तक 60 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है। सहगल ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति2 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
मध्य प्रदेश2 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
प्रादेशिक2 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
अन्य राज्य2 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील
-
प्रादेशिक2 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
-
बिहार2 days ago
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 225 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव