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प्रादेशिक

निर्माण कार्यों को कराते समय कोरोना के प्रोटोकाॅल का हर स्तर पर पालन कराया जाएः डॉ महेंद्र सिंह

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने मानसून से पूर्व बाढ़ सुरक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्रो से जल-निकासी सुचारू बनाये जाने के लिए नालों व ड्रेनज की सफाई 15 जून से पहले पूरा किये जाने निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही पुल-पुलियों की मरम्मत एवं प्रस्तावित निर्माण का कार्यों को लक्ष्य के अनुरूप इस माह के अन्त तक पूरा कराने को कहा है।

डा. महेन्द्र सिंह ने यह भी कहा है कि निर्माण कार्यों को कराते समय कोरोना के प्रोटोकाॅल का हर स्तर पर पालन कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि कोरोना के कारण यह समय अत्यन्त कठिन है। इसके बावजूद भी सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए अपने कार्यों को पूरा करायें।

जलशक्ति मंत्री ने विभागाध्यक्ष के माध्यम से फील्ड स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 15 मई 2021 के पश्चात वह विभिन्न जनपदों के निरीक्षण पर निकलेंगे और इसके दौरान बाढ़ से बचाव सम्बन्धी कार्यो पुल-पुलियों की मरम्मत एवं निर्माण सम्बन्धी कार्य तथा नालों की सफाई के लिए कराये जा रहे कार्यों का सत्यापन एवं गुणवत्ता का अवलोकन करेंगे। मंत्री जी के इन निर्देशों की जानकारी सिंचाई मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी है।

डा. महेन्द्र सिंह ने सभी क्षेत्रीय अभियन्ताओं को शुरू किये गये कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक पूरा कराये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने कहा है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जून माह के अन्त से बरसात होने की सम्भावना है। इसलिए बाढ़ से बचाव के लिए प्रस्तावित कार्यों को समय से पहले पूरा करा लिया जाये, जिससे बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि न हो सके और बांधों एवं तटबन्धों को सुरक्षित बनाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा गत वर्ष समय-समय पर दिये गये मार्गदर्शन एवं जलशक्ति मंत्री द्वारा बाढ़ से बचाव के लिए तैयारी की लगातार समीक्षा के फलस्वरूप बाढ़ से जन-धन की हानि नहीं हुई और तटबन्ध भी सुरक्षित रहे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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