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वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को 31 मई तक पूरा किया जाएः डॉ महेन्द्र सिंह

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों में मानक के अनुरूप गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुये उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। डा0 महेन्द्र सिंह आज जनपद हरदोई के राजघाट/कटरी बिछुईया  एवं ग्राम मानीमऊ में बाढ़ परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे।

डा0 महेन्द्र सिंह ने वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को 31 मई 2021 तक प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई आगामी 31 मई तक किए जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव सम्बंधी परियोजनाओं को हरहाल में तय समय सीमा से पूरा किया जाना है। इसके साथ ही ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता अधोमानक पायी जाती है, तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कड़ाई सुनिश्चित किया जाए तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराते हुए उनके प्रयोग के निर्देश दिए जाएं।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पिछले वर्ष के माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये थे। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 6 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर हैं। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून से पूर्व 31 मई, 2021 तक कराये जाने हेतु लक्षित हंै। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यों के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना पड़ता।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले हैं जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। उन्होंने कहा कि  इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालो की 12073 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही हंै। उन्होंने कहा कि नालों पर सफाई के कार्यांे से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे हैं। वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशीन स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयीं तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयीं। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 213 परियोजनाएं पूर्ण हुई हंै। शेष परियोजनाओं के कार्य प्रगति में हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि जनपद हरदोई में गंगा नदी के तट पर स्थित मक्कूपुर, कटरी बिछुहिया, परसौला की बाढ़ से सुरक्षा हेतु डेªजिंग एवं चैनलाइजेशन का कार्य की परियोजना स्वीकृत है, जिसके अन्तर्गत डेªजिंग पाथ के लूप-1 में 1.9 किमी0 लूप-2 में 1.3 किमी0 की डेªजिंग एवं चैनलाईजेशन किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में परियोजना का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण करा दिया गया है। डेªजिंग कार्य के फलस्वरूप अब तक लगभग 5,10,000 घन मी0 ड्रेज्ड मैटेरियल निकाला गया है। निकाले गये डेªज्ड मैटेरियल में से 2,00,000 घन मी0 बालू की नीलामी की कार्यवाही प्रगति मंे है। इस परियोजना के कार्य पूर्ण होने से इस परियोजना के कार्य पूर्ण होने से ग्राम मक्कूपुर, कटरी बिछुहिया, परसौला में बाढ़ का प्रभाव कम हो जाएगा।

निरीक्षण के समय सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0) श्री अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (शारदा) बरेेली श्री सूरज पाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि0 श्री नवीन कपूर, अधीक्षण अभियन्ता श्री सी0के0 मंगलम, अधिशासी अभियन्ता श्री अखिलेश कुमार गौतम, परियोजना प्रबन्धक श्री पंकज वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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