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प्रादेशिक

योगी सरकार बनाने जा रही नया रिकॉर्ड, अब तक खरीद चुकी है 51.05 लाख मी.टन गेंहू

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लखनऊ। यूपी की योगी सरकार गेहूं खरीद में नया कीर्तिमान बनाने जा रही है। यूपी के इतिहास में अब तक 2018-19 किसानों से सर्वाधिक 52.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। वहीं, योगी सरकार दो महीने में किसानों से 51.05 लाख मीट्रिक गेहूं की खरीद कर चुकी है। खरीद की गति को देखते हुए अगले चंद रोज में ही यह रिकार्ड टूटना तय है। यूपी में गेहूं की खरीद 15 जून तक होगी।

प्रदेश की योगी सरकार कोरोना काल के दौरान 11.54 लाख से अधिक किसानों से गेहूं खरीद का आंकड़ा पार कर चुकी है। जो अभी तक के इतिहास में सबसे अधिक है। किसानों के लिए योगी सरकार की नीतियों के चलते उनको सुविधाओं के साथ अनाज के एक-एक दाने का मूल्‍य दिया जा रहा है। यूपी में अप्रैल महीने से गेहूं की खरीद शुरू हुई थी। महज दो महीने में प्रदेश सरकार 11.54 लाख किसानों से गेहूं की खरीद कर चुकी है। प्रदेश में किसानों से अब तक 51.05 लाख मी.टन गेहूं खरीद लिया गया है। गेहूं खरीद की योजना से किसानों को सीधा लाभ मिला है। पिछले साल सरकार ने इस अवधि में 29.92 लाख मी. टन गेहूं खरीद की थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में खेत और खलिहानों की रक्षा एवं संरक्षण देने के लिये सरकार के अधिकारी दिन-रात जुटे हैं। किसानों के खातों में 10082.99 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार ने कर दिया है। 72 घंटों में किसानों के खातों में 1688.27 करोड़ रुपये भेजने की तैयारी की जा रही है।

72 घंटे में किसानों को गेहूं का भुगतान

योगी सरकार किसानों के हित में लगातार काम करती आ रही है। कोरोना काल में भी योगी सरकार की ओर गेहूं खरीद की योजना से लाखों किसानों को प्रत्येक दिन लाभ पहुंचाया गया । पहली बार ऐसी व्यवस्था को लागू की गई है कि उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद के दौरान ही 72 घंटों के अंदर किसानों का पैसा सीधे उनके खातों में पहुंच रहा है। ई-मंडियों की शुरुआत, ई-पॉप मशीनों का उपयोग जैसी कई अत्याधुनिक सुविधाएं किसानों को दी जा रही हैं। वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सरकार ने गेहूं को बचाने के लिये मजबूत तैयारी की है। पहली बार मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था से किसानों को राहत मिली है।

मंडियों में किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए केन्द्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थर्मामीटर व सेनीटाइजर की व्यवस्था की गई है। किसानों के प्रति सरकार की बेहतर नीतियों के जरिए ही किसानों को उनके खेत से 10 किमी के दायरे के भीतर ही अनाज खरीद की सुविधा योगी सरकार द्वारा दी जा रही है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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