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प्रादेशिक

योगी सरकार का बड़ा फैसला, नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुए नए इलाकों को किया जाएगा सभी सुविधाओं से लैस

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लखनऊ। नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुए नए इलाकों का राज्‍य सरकार काया कल्‍प करने जा रही है। इन इलाकों को निगम क्षेत्र में मिलने वाली सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। नए इलाकों में साफ सफाई के लिए नगर निगम से सफाई कर्मी तैनात होंगे। सड़कें और गलियां एलईडी लाइटों से रौशन होंगी। सीएम योगी ने निगम सीमा में आए नए इलाकों में तत्‍काल सुविधाएं शुरू करने के निर्देश नगर विकास विभाग को दिए हैं।

मंगलवार को अफसरों के साथ एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक में सीएम योगी ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को नगर निगम , नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में शामिल नए इलाकों में युद्ध स्‍तर पर काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। नए इलाकों में साफ सफाई के लिए सफाई कर्मियों की तैनाती के साथ ही कूड़े के रोज निस्‍तारण की व्‍यवस्‍था करने को कहा गया है।

निगम क्षेत्र में शामिल हुए इन गांवों और कालोनियों के ड्रेनेज सिस्‍टम को दुरुस्‍त करने के लिए नगर विकास विभाग बड़े स्‍तर पर अभियान चलाएगा। सीएम योगी ने अफसरों को निगम क्षेत्र में शामिल इलाके के लोगों से बातचीत कर समस्‍याओं के तत्‍काल निस्‍तारण के भी निर्देश दिए हैं।

निगम सीमा में शामिल क्षेत्रों में साफ सफाई, जल निकासी और मार्ग प्रकाश व्‍यवस्‍था के साथ पेयजल समेत अन्‍य सभी सुविधाओं पर तेजी से काम करने को कहा गया है। सीएम के निर्देश के बाद कुछ महीने पहले नगर निगम,नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में शामिल हुए इन इलाकों का काया कल्‍प तय माना जा रहा है।

गौरतलब है कि बीते दिनों 17 नगर निगमों सहित नगर पालिका/नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया है। इनमें राजधानी के 88 गांव भी शामिल हैं। राज्‍य सरकार के इस कदम से प्रदेश के एक करोड़ से ज्‍यादा लोगों को सुविधाएं मिलना तय हैं।

डूडा,सूडा के कार्यों की गुणवत्ता की होगी जांच

मंगलवार को हुई उच्‍च स्‍तरीय बैठक में सीएम ने डूडा और सूडा के कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने इन संस्थानों के अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए कहा है। उन्‍होंने कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने की जरूरत है। अमृत योजना और स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यों को तेज करने के निर्देश भी सीएम योगी ने अफसरों को दिए हैं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में जनपदवार सीडी रेशियो का शासनादेश जारी, डीएम और कमिश्नर्स के प्रयास एसीआर में होंगे दर्ज

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को सशक्त करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य में जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (ACR) में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) वृद्धि को भी शामिल किया जाएगा। इस पहल के साथ उत्तर प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह कदम आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य ने एक बार फिर साबित किया है कि वह शासन में अभिनव नीतियों को लागू करने में अग्रणी है। आज, वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए 01 अप्रैल 2024 तक के जनपदवार सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) को सभी 75 जनपदों के जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों को शासनादेश के माध्यम से जारी किया गया। यह आंकड़े राज्य स्तरीय बैंकर समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों के प्रदर्शन का आकलन उनके जिलों में क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात में की गई प्रगति के आधार पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य जिलों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना, निवेश बढ़ाना, और बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करना है।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि, जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में निवेश आकर्षण और सीडी रेश्यो वृद्धि के साथ साथ निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किये गये प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं।

उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने जिलों में निवेश को मापने और बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को प्राथमिकता दी है। यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी, बल्कि सरकारी अधिकारियों के कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी। सरकार का यह कदम राज्य के समग्र विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात बैंकों द्वारा जिलों में दिए गए ऋण और उनके द्वारा जमा की गई धनराशि का अनुपात है। यह आर्थिक गतिविधियों के स्तर और वित्तीय संसाधनों के उपयोग का एक प्रमुख संकेतक है।

मुख्य सचिव के अनुसार, राज्य सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है। बता दें कि, योगी सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाओं एवं निवेश-अनुकूल सुरक्षित वातावरण के कारण वैश्विक स्तर की कंपनियाँ निवेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश को एक आधार के रूप में देख रही हैं। वैश्विक निवेश उपक्रम और सामर्थ्यपूर्ण प्रयास उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे।

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