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प्रादेशिक

‘योगी के यूपी मॉडल’ से कोरोना संक्रमण पर लगी लगाम, 24 घंटों में आए महज इतने मामले

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लखनऊ। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश कम समय में कोरोना को मात दे रहा है। योगी सरकार ने निर्णयों से प्रदेश में अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तौर पर नियंत्रित है। दूसरे प्रदेशों के मुकाबले ‘योगी के यूपी मॉडल’ से संक्रमण पर तेजी से लगाम लगी है। जिसका परिणाम है कि साढ़े तीन माह के भीतर ही सर्वाधिक जनसंख्‍या वाले प्रदेश में बीते 24 घंटों में महज 120 कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए और इस दौरान 191 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है।

एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश कम समय में कोरोना को मात दे रहा है। अप्रैल 30 के बाद से प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्‍या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रदेश में कोरोना के 1,947 मामले पूरे प्रदेश में सक्रिय हैं। पिछले 24 घंटों में जहां 2,57,857 कोविड सैम्पल की जांच की गई वहीं अब तक 05 करोड़ 95 लाख 89 हजार से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। यह देश में किसी एक राज्य द्वारा की गई सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग है। कोरोना का रिकवरी रेट पहले से और भी बेहतर होकर 98.6 प्रतिशत पहुंच गया है वहीं, पॉजिटिविटी दर 0.04 प्रतिशत से कम दर्ज की गई। इतने कम समय में इतनी कम पॉजिटिविटी दर कोविड की पहली लहर के नियंत्रण में आने के बाद भी नहीं देखी गई थी। अब तक 16 लाख 82 हजार से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं। बता दें कि संक्रमण के मामले कम होने के बावजूद भी प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग को जारी रखने के सीएम ने निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक लोगों को दी गई वैक्‍सिन की डोज

पिछले 24 घंटों में 10 लाख से अधिक प्रदेशवासियों ने टीका-कवर प्राप्त किया। प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक 03 करोड़ 45 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। टीकाकरण की सुगमता के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोविड वैरिएंट की पहचान के लिए प्रदेश में अध्ययन-परीक्षण का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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