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प्रादेशिक

सीएम योगी का एक और बड़ा फैसला, एटीएस की बनेगी 12 इकाइयां

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के प्रभावी रोकथाम के लिए बड़ी पहल की है। उन्होंने प्रदेश में पहली बार एक साथ एटीएस की 12 इकाइयों की स्थापना की संस्तुति की है। साथ ही एटीएस को और मजबूत करने के लिए प्रस्ताव मांगा है, आशा है कि जल्द ही एटीएस को और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा और समुचित मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रदेश के संवेदनशील 10 जिलों मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा (जेवर एयरपोर्ट), आजमगढ़ (निकट एयरपोर्ट), कानपुर, सोनभद्र, मीरजापुर और सहारनपुर के देवबंद में एटीएस इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए संबंधित जिलों में भूमि आवंटित हो गई है और भवनों के निर्माण के लिए कार्यवाही चल रही है। इसके अलावा वाराणसी और झांसी में एटीएस इकाई की स्थापना के लिए जल्द ही भूमि आवंटन होने की संभावना है। शासन के निर्देशानुसार एटीएस को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है और कार्य सुचारु रूप से चल रहा है।

एटीएस आतंकी मंसूबों पर फेर रहा पानी, राष्ट्र द्रोहियों को भेज रहा जेल

एटीएस ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों आईएसआईएस, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद, जेएमबी, आईएसआई जासूस, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), नक्सल, टेरर फंडिंग, एबीटी/बांग्लादेश, बब्बर खालसा, जाली भारतीय मुद्रा आदि से सम्बन्धित 69 आतंकवादियों, विभिन्न अपराधों से संबंधित 216 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मूक बधिर छात्रों, कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी और शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 16 जनवरी को एटीएस ने कूट रचित प्रपत्रों के आधार पर भारी मात्रा में फर्जी मोबाईल सिम एक्टीवेट कराने से संबंधित 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जिसमें तीन चीनी नागरिक भी शामिल हैं। यह मामला आर्थिक घोटाले के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसकी गहराई से जांच हो रही है।

खतरनाक ऑपरेशन के लिए स्पॉट की पांच टीमें और स्नाईपर्स की चार टोलियां तैयार

प्रदेश में एनएसजी की तरह खतरनाक ऑपरेशन को विशेषज्ञ तरीके से करने के लिए एटीएस के विशेष पुलिस संचालन दल (स्पॉट) का गठन 2017 में किया गया है। स्पॉट कर्मियों ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी आदि पुलिस के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया है। स्पॉट की पांच टीमें तैयार हैं, दो टीमें प्रशिक्षण ले रही हैं और दो अन्य टीमों के लिए कार्यवाही चल रही है। इसके अलावा यूपी पुलिस की पहली स्नाईपर्स टीम की चार टोलियां तैयार की गई हैं, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद यूपी पुलिस की दक्षता और प्रभावशीलता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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