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प्रादेशिक

किसानों के लिए योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने में हुई गलती को सुधारने का मिलेगा ऑप्शन

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नई दिल्ली। गन्‍ना विकास विभाग ने गन्‍ना किसानों को ईआरपी वेबसाइट पर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने की सुविधा दी है। इसके बाद भी ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने में आ रही किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए विभाग ने पर्यवेक्षकों की तैनाती की है, जो अपने सर्किल में किसानों से मिल कर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने में मदद करेंगे। इसके अलावा इस बार पोर्टल पर घोषणा पत्र में कोई गलती होने पर उसके संशोधन का विकल्‍प भी दिया है।

गन्‍ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार रोजाना नए कदम उठा रही है। गन्‍ना विकास विभाग ने गन्‍ना किसानों की पर्ची व्‍यवस्‍था को सुव्‍यवस्थित करने के लिए समितियों में आईटी केन्‍द्र करा रही है। अब घोषणा पत्र भरने में हो रही समस्‍याओं को दूर करने के लिए पर्यवेक्षक लगाए गए है। विभाग के अनुसार कई किसानों ने घोषणा पत्र भरने में हो रही परेशानी के बारे में बताया था। इस समस्‍या को दूर करने के लिए विभाग अब हर किसान तक अपने पर्यवेक्षक भेजगा जो उनकी परेशानी को दूर करने का काम करेंगे।

पोर्टल पर संशोधन का विकल्‍प भी

गन्‍ना विकास विभाग ने पेराई सत्र 2021-22 में घोषणा पत्र भरने वाले किसानों को राहत देने के लिए इस बार ईआरपी वेबसाईट enquiry.caneup.in पर संशोधन का विकल्‍प भी दिया है। घोषणा पत्र भरने में किसान से कोई गलती होती है तो वह वेबसाइट पर संशोधन के विकल्‍प में जाकर उसे सही कर सकता है। अपर मुख्‍य सचिव व गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक किसान सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद भरे गये घोषणा पत्र को देख कर संतुष्ट होने के उपरान्त सबमिट कर सकता है, जिसके लिए आप्शन दिये गये हैं।

उन्‍होंने बताया कि ग्रामस्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन के दौरान सभी गन्ना पर्यवेक्षक अपने सर्किल के गन्ना किसानों की घोषणा पत्र भरवाने में हर सम्भव मदद करेंगे। पर्यवेक्षक घोषणा पत्र भरने में जिस किसान को भी दिक्‍कत हो रही होगी, उस तक पहुंचेंगे। इसके बाद भी कोई किसान घोषणा पत्र भरने से चूक जाता है तो समिति स्‍तर पर कैंप लगाकर उनके घोषणा पत्र भरने का काम किया जाएगा। इस काम में भी पर्यवेक्षकों को लगाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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