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प्रादेशिक

बाढ़ में भी पढ़ाई को लेकर नहीं कम हुआ जुनून, रोज नाव चलाकर स्कूल जाती है संध्या

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प्रदीप आनंद श्रीवास्तव

लखनऊ। गोरखपुर में बाढ़ के प्रकोप के बीच एक बेटी का शिक्षा के लिए जुनून का लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यहां बहरामपुर गाँव मे एक 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा अकेले नाव से स्कूल आ-जा रही है। गोरखपुर की इस बिटिया के हौसले और जज्बे को देखकर हर कोई हैरान है। बहरामपुर इलाका इन दिनों बाढ़ की चपेट में आ गया है।

हाल ये है कि कई परिवार यहां से सुरक्षित जगह पर पलायन भी कर चुके हैं। इसी बहरामपुर के रहने वाले दिलीप सहानी कारपेंटर का काम करते हैं। इनके चार बच्चे हैं, जिनमें संध्या सहानी सबसे बड़ी बेटी है। संध्या साइंस साइड से गोरखपुर राजकीय एडी कन्या विद्यालय में 11वीं में पढ़ती हैं। संध्या का स्कूल पिछले 1 साल से कोरोना की वजह से बंद था और पिछले महीने जब स्कूल कॉलेज खुले तो बाढ़ की विभीषिका ने इनके गांव को हर तरफ से घेर लिया।

गांव की दूसरे बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया लेकिन संध्या कि मन में पढ़ाई के प्रति जो जज्बा था उसकी वजह से संध्या घर में बैठने के बजाय नाव से ही स्कूल आना जाना शुरू कर दी। संध्या रेलवे में नौकरी करना चाहती हैं। संध्या ने बताया कि उसका घर 15 दिन से पानी में डूबा हुआ है। वह लोग छत पर जिदंगी गुजार रहे हैं। स्मार्ट फोन नही होने की वजह से घर से पढ़ पाना उसके बस की बात नहीं थी। स्कूल की दूसरी सहेलियों से पढ़ाई के बारे में हर रोज सुनकर संध्या ने फैसला लिया कि वह स्कूल जाएगी।

फिर उसने अकेले नाव से स्कूल आना-जाना शुरू कर दिया। संध्या का कहना है कि वह अपनी शिक्षा के जरिए अपने परिवार को मजबूत करना चाहती है। उसके समाज में लोग लड़कियों की शिक्षा को जरूरी नहीं मानते लेकिन तंगहाली में जीवन काटने के बावजूद उसके माता-पिता उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं और उनके हौसले को देखकर ही उसने इस कठिन वक्त में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी है।उसका सपना है कि अच्छी पढ़ाई कर वह रेलवे में नौकरी कर सके जिससे परिवार की आर्थिक मुश्किलें खत्म हो सके। इसके साथ ही संध्या हवाई जहाज में भी घूमना चाहती है।

वहीं संध्या के पिता दिलीप का कहना है कि बेटी रेलवे में नौकरी करना चाहती है। वह दिन-रात पढ़ाई भी करती है। इधर बाढ़ की वजह से वह लोग बहुत परेशान हो गए हैं। घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है दिन और रात वक्त गुजार रहे हैं लेकिन बेटी का जज्बा देखकर उनको अपना सारा कष्ट अब कम लगने लगा है और वह उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। संध्या के पिता ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर के सांसद रवि किशन से भी गुजारिश की है कि वह उसके परिवार की मदद को आगे आए और उसकी बेटी जो सपना देख रही है उसे पूरा करने में उसकी मदद करें।

वहीं गोरखपुर की इस बहादुर बेटी संध्या से मिलने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद उसके घर पहुंचे। डॉक्टर संजय निषाद ने संध्या के हौसले की तारीफ की और उसके परिवार को हर तरह से मदद का भरोसा दिलाया। डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि संध्या सहानी उनकी बिरादरी के लिए अब एक रोल मॉडल बन चुकी है और संध्या जैसी दूसरी बेटियों के पढ़ाई के लिए वह जल्द ही हर जिले में निषादों के लिए एक अलग से विद्यालय खुलवाएंगे। संध्या को हॉस्टल में भर्ती कराने और बाद में नौकरी दिलवाने के साथ-साथ उसके परिवार की हर जरूरत को पूरा कराएंगे। वहीं दूसरी तरफ इस बिटिया से कांग्रेस के राष्ट्रीय पूर्व राष्ट्रीवहीं दूसरी तरफ इस बिटिया से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वार्ता कर बिटिया का मनोबल बढ़ाया और उसका हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया गौरतलब है कि इस मामले में अब राजनीति शुरू हो चुकी है।

IANS News

सीएम नायब सिंह सैनी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, हरियाणा में हुई टैक्स फ्री

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चंडीगढ़। गोधरा कांड पर बनी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को हरियाणा में टैक्स फ्री कर दिया गया है। सीएम नायब सिंह सैनी व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार रात आईटी पार्क में स्थित डीटी मॉल में ‘द साबरमती रिपोर्ट‘ फिल्म को देखा।

फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री ने ‘द साबरमती रिपोर्ट‘ फिल्म को हरियाणा में टैक्स फ्री करने की घोषणा की। फिल्म देखने वालों में कई कैबिनेट मंत्री व विधायक भी शामिल थे।

फिल्म देखने के बाद सीएम सैनी ने कहा-यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा (गुजरात) में हुए साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की घटना पर आधारित है। इसमें घटना की सच्चाई को दिखाया गया है।

फिल्म निर्माता में इस मुद्दे को बहुत ही संवेदनशीलता और गरिमा के साथ बनाई है। इसके साथ ही उन घटनाक्रम की सच्चाई को भी दिखाया है जिससे पूरा देश अनभिज्ञ था। इस फिल्म के माध्यम से 59 निर्दोष पीड़ितों को भी अपनी बात कहने का मौका मिला है।

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