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प्रादेशिक

योगी सरकार का प्रदेशवासियों को एक और तोहफा, हर जिले में होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

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Yogi government's one more gift to the people of the state, medical college will be established in every district

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार प्रदेशवासियों को हर दिन तोहफे देकर खुश करने में लगी हुई है।इस बार प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेज [ Medical College] के सपने को साकार करने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए शासनादेश भी जारी कर दिया है।

 प्रदेश के 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना 

योगी सरकार पीपीपी (Public-private partnership) मॉडल पर 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करेगी। इन जिलों में बागपत, मैनपुरी, संतकबीरनगर, बलिया, रामपुर, भदोही, कासगंज, महराजगंज, शामली, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, मऊ, श्रावस्ती, संभल, हाथरस शामिल हैं। इसके अलावा बाकी 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना पहले ही हो गई थी।

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मरीज़ों को मिलेगी राहत 

बता दें कि जुलाई 2021 महीने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकापर्ण जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इनमें मीरजापुर, गाजीपुर, देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर और जौनपुर के कॉलेज शामिल थे। इन कॉलेजों के खुलने से मरीज़ों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग शहरों में नहीं भागना पड़ेगा और नए डॉक्टर भी तैयार किए जा सकेंगे।

अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस मेडिकल कॉलेज मिलेगा

प्रदेश सरकार के इस कदम से जिलों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिल गई है। अब लोगों को तमाम बीमारियों से संबंधित इलाज उनके शहर में ही मिल जाएगा और इसके लिए उन्हें ना तो ज्यादा दौड़ना पड़ेगा और न ही ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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