प्रादेशिक
यूपीः धान की सबसे बड़ी खरीद आज से शुरू, 75 जिलों में बनाए गए 4000 से अधिक क्रय केन्द्र
लखनऊ। देश में धान की सबसे बड़ी खरीद शुक्रवार को शुरू होने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। खरीद केंद्रों पर किसानों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ दिया जाएगा। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए किसानों से धान की खरीद की जाएगी।
धान खरीद में नए रिकार्ड बनाने की तैयारी कर चुकी राज्य सरकार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खरीद केंद्रों पर धान खरीदेगी । इसके लिए 75 जिलों में 4000 से अधिक क्रय केन्द्र बनाए हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल सरकार ने 66 मीट्रिक टन धान की खरीद की थी। किसानों की सुविधा और तौल में पारदर्शिता रखते हुए प्रत्येक क्रय केन्द्र पर 2 इलेक्ट्रॉनिक कांटा, 01 नमी मापक यंत्र, विनोईंग फैन और पॉवर डेस्टर समेत धान की सफाई के लिए डबल जाली के छलने की व्यवस्था की गई है।
रविवार और राजपत्रित अवकाश को छोड़कर सभी कार्य दिवसों में धन क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। 1 अक्टूबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक लखनऊ मंडल के जनपद हरदोई, लखीमपुर और बरेली मंडल के मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धन क्रय किया जाएगा। प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक धान खरीद की जाएगी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि हर किसान से खरीद की जाएगी। सभी किसान अपने आवश्यक दस्तावेज के साथ क्रय केन्द्रों पर धान बेच सकेंगे।
सामान्य धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1940 रुपये और ग्रेड ए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1960 रुपये तय किया गया है। पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से धान खरीद की जाएगी और किसानों को 72 घंटे के अंदर भुगतान किया जाएगा। किसानों को धान की बिक्री के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल : www.fcs.up.gov.in. पर पंजीकरण करना होगा।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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