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प्रादेशिक

कोरोना योद्धा पद्मश्री जितेंद्र सिंह “शंटी” को मिलेगा आचार्य द्विवेदी सम्मान

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रायबरेली। हिंदी के युग प्रवर्तक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में इस वर्ष 7 नवंबर को कार्यक्रम आयोजित होगा। कार्यक्रम में कोरोना महामारी से लोगों की जान बचाने वाले देश के पांच कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जाएगा। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान नई दिल्ली के कोरोना योद्धा पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी को प्रदान किया जाएगा।

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की स्थानीय प्लीजेंट व्यू होटल में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया कि कोरोना ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया। लाखों जान को क्षति पहुंचाई। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार देश के कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने पर सहमति बनी।

महामंत्री अनिल मिश्र ने बताया कि आचार्य द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान नई दिल्ली के पद्म जितेन्द्र सिंह “शंटी”, डॉ राम मनोहर त्रिपाठी लोक सेवा सम्मान महाराष्ट्र के कोरोना योद्धा दंपति राहुल तिवरेकर और श्रीमती श्रद्धा श्रंगारपुरे प्रदान किया जाएगा। कोषाध्यक्ष विनय द्विवेदी ने बताया कि प्रभाष जोशी स्मृति सम्मान कोरोना चेकिंग के दौरान निहंगो के हमले में घायल हुए पंजाब पुलिस के दरोगा हरजीत सिंह गिल और शिवानंद मिश्र लाले सम्मान मणिपुर के मथनमी हुंग्यो को दिया जाएगा। लखनऊ में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कराने वाली योद्धा श्रीमती वर्षा वर्मा का नागरिक अभिनंदन होगा। इन सभी को संस्था की ओर से प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र के साथ ही नेक कार्य को जारी रखने के लिए नकद राशि प्रदान की जाएगी।

बैठक में रघुनाथ प्रसाद द्विवेदी, राकेश तिवारी, लल्लन मिश्रा, राजीव भार्गव विनोद शुक्ला, सुनील ओझा, अमर द्विवेदी, सुधीर द्विवेदी, ठाकुर प्रसाद सिंह चंद्रमणि बाजपेई, राजेश वर्मा, अमित सिंह, श्रीकांत अवस्थी, करुणा शंकर मिश्रा अभिषेक द्विवेदी, नीलेश मिश्रा, राजेश दुबे, स्वतंत्र पांडे आदि मौजूद रहे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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