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प्रादेशिक

ड्रग्स केस की वजह से लगा शाहरुख को झटका, बायजूस ने लगाई विज्ञापनों पर रोक

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नई दिल्ली। आईपीओ-बाउंड एडटेक कंपनी बायजूस ने अपने ब्रांड एंबेसडर और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान वाले विज्ञापनों को अस्थायी रूप से रोक दिया है, क्योंकि उनके बेटे आर्यन खान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा ड्रग मामले में जांच से गुजर रहे हैं।

विश्वसनीय सूत्रों ने शनिवार को बताया कि बायजूस ने शाहरुख खान की विशेषता वाले सभी विज्ञापनों को रोक दिया है। माना जा रहा है कि ये कदम सोशल मीडिया यूजर्स की ओर से अभिनेता की विशेषता वाले विज्ञापनों का समर्थन करने के लिए एडटेक कंपनी की आलोचना के बाद उठाया गया है, जो 2017 से बायजूस के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं।

बायजूस इस साल अधिग्रहण की होड़ में है। कुल मिलाकर, इसने इस साल नौ व्यवसायों का अधिग्रहण किया है। एडटेक दिग्गज एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की भी तलाश कर रही है, जो कंपनी का मूल्य लगभग 40 बिलियन डॉलर से 45 बिलियन डॉलर हो सकती है।

शाहरुख खान के ट्विटर पर 42 मिलियन और फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम पर 26.5 मिलियन फॉलोअर्स हैं। एनसीबी द्वारा 2 अक्टूबर को मुंबई-गोवा यात्रा के दौरान कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर एक हाई-ड्रामा रेव पार्टी छापे के बाद गिरफ्तारी के मद्देनजर आलोचना हुई।

शाहरुख के बेटे आर्यन को बड़ा झटका देते हुए मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और आठ गिरफ्तार लोगों में से दो अन्य की भी जमानत याचिका खारिज कर दी।

अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी आर.एम. नेर्लिकर ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कानूनी टीम की दलीलों को बरकरार रखते हुए, रखरखाव के आधार पर आर्यन, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। सभी आठ आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद घटनाक्रम सामने आया और वे एनसीबी लॉकअप से नियमित जेलों में स्थानांतरित हो गए।

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IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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