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प्रादेशिक

बढ़ते जल संकट के बीच पश्चिम यूपी से आई राहत भरी खबर, पश्चिम यूपी के कई इलाकों में बढ़ा भूजल भंडार

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लखनऊ। पश्चिम यूपी में तेजी से गिरते भूजल स्‍तर को रोकने में बड़ी कामयाबी मिली है। क्षेत्र के कई अतिदोहित और क्रिटिकल विकासखंडों की रिसर्च रिपोर्ट उम्‍मीद की नई किरण लेकर आई है। पश्चिम यूपी के मेरठ, सहारनपुर के कई विकासखंडों में भूजल स्‍तर में बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है। ताजा रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ में अब एक भी विकासखंड अतिदोहित नहीं है। सहारनपुर के भूजल स्‍तर में 20 सेमी की रिकार्ड बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है। यहां क्रिटिकल भूजल स्‍तर में शामिल विकासखंडों की संख्‍या 4 से घटकर एक रह गई है।

पानी बचाव को लेकर जहां पूरी दुनिया चिंतन में लगी हुई है। वहीं, पश्चिम यूपी से एक सुखद खबर सामने आई है। 2017 में भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट में मेरठ और सहारनपुर के जो विकासखंड गिरते भूजल स्‍तर से जूझ रहे थे। वहां भूजल संरक्षण विभाग की कोशिशें उम्‍मीद की नई किरन बन कर सामने आई हैं। मेरठ के 12 विकासखंडों में 3 अतिदोहित श्रेणी में आते थे लेकिन आज एक भी विकासखंड अतिदोहित नहीं है।

सहारनपुर में भी अतिदोहित व क्रिटिकल विकासखंडों में भूजल स्‍तर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने पानी की समस्‍या से उबरने के लिए तालाबों के निर्माण व जीर्णोद्धार, चेकडैम का निर्माण, सिंचाई में कम जल खपत वाली विधियां इसमें ड्रिप व स्प्रिंकलर प्रणाली के इस्‍तेमाल के लिए किसानों को जागरूक किया। इससे भूजल स्‍तर में सुधार हुआ।

सहारनपुर में बढ़ा 20 सेमी भूजल स्‍तर

बात करें सहारनपुर की तो भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार यहां के 5 विकासखंड अतिदोहित व 4 क्रिटिकल श्रेणी में थे। भूजल संरक्षण विभाग ने यहां के सभी 11 विकासखंडों में भूजल में बढ़ोत्‍तरी के लिए व्‍यापक स्‍तर पर काम शुरू किया। सहारनपुर के सभी विकासखंडों में 72 चेकडैम व 2203 तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार कराया। सिंचाई की नई विधियों से किसानों को रूबरू कराया गया।

इन प्रयासों ने साढ़े चार सालों में अतिदोहित 5 विकासखंडों की संख्‍या घटाकर 4 और क्रिटिकल विकासखंडों की संख्‍या 4 कम करके एक कर दी। यहां पर भूजल में 20 सेमी की बढ़ोत्‍तरी हुई। वहीं, शहरी क्षेत्रों में भूजल में बढ़ोत्‍तरी के लिए रूफ टॉप रेन हार्वेस्टिंग को प्रयोग में लाया गया। 187 शासकीय व अर्द्धशासकीय भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्‍थापना की। वनीकरण योजना के जरिए सहारनपुर में 5981391 पौधरोपण किया। इन प्रयासों से भूजल में बढ़ोत्‍तरी का काम किया।

मेरठ में अब कोई अतिदोहित विकासखंड नहीं

भूजल संरक्षण विभाग ने सहारनपुर के साथ मेरठ में भूजल स्‍तर ऊपर लाने के लिए जो प्रयास किए उसने पानी की समस्‍या को बहुत हद तक कम कर दिया है। इससे किसानों के चेहरे पर खुशहाली आई है। 2017 में भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार मेरठ के 12 विकासखंडों में 3 अतिदोहित व 2 क्रिटिकल विकासखंडों में शुमार होते थे।

ताजा रिपोर्ट के अनुसार मेरठ में एक भी विकासखंड अतिदोहित श्रेणी में नहीं है। लघु सिंचाई विभाग की ओर से यहां 5 चेकडैम व 16 तालाबों का निर्माण कराया गया। शहरी क्षेत्रों में 467 शासकीय व अर्द्धशासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्‍थापित की गई। जिले में 6081452 पौधरोपण किया गया। इससे भूजल स्‍तर में काफी हद तक सुधार हुआ।

नमामि गंगे योजना के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि कार्ययोजना बनाकर प्रदेश भर में भूजल संरक्षण के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार जल संचयन के इंतजाम किये जा रहे हैं। स्थानीय लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं जिससे परिणाम भी सकारात्मक मिल रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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