कोयले की भारी कमी की खबरों के एक दिन बाद नागरिकों में दहशत फैल गई। इसी के चलते केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बिजली के किसी भी संकट के अस्तित्व से इनकार किया।
सिंह ने बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी को लेकर रविवार को अपने आवास पर बिजली मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। मंत्री ने कहा कि ‘मैंने टाटा पावर को कार्रवाई की चेतावनी दी है, यदि वे ग्राहकों को बिजली की कमी के आधारहीन संदेश भेजते हैं।’
बता दें कि उन्होंने “गैर-जिम्मेदार व्यवहार के कृत्यों” के लिए राज्य द्वारा संचालित गेल पर भी निशाना साधा।
केंद्रीय मंत्री ने एएनआई के हवाले से कहा, ‘वास्तव में, न तो कोई संकट था और न ही कोई संकट है। यह अनावश्यक रूप से बनाई गई बातें है। मैंने टाटा पावर के सीईओ को कार्रवाई की चेतावनी दी है यदि वे ग्राहकों को आधारहीन एसएमएस भेजते हैं जो दहशत पैदा कर सकते हैं। गेल और टाटा पावर के संदेश गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के रूप में योग्य हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘गेल द्वारा बवाना गैस पावर प्लांट को सूचित करने के बाद घबराहट शुरू हो गई कि वह 2 दिनों के बाद गैस की आपूर्ति बंद कर देगा क्योंकि उनका अनुबंध समाप्त होने वाला था। मैंने आज की बैठक में भाग लेने वाले गेल के सीएमडी को आवश्यक आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा है।’
कोयला मंत्रालय ने कहा कि ‘देश में बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है और बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई भी डर पूरी तरह से गलत है।’