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प्रादेशिक

राजस्थान के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान, बोले-बहुत लड़ती हैं महिला कर्मचारी, लेनी पड़ती है सेरेडौन

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नई दिल्ली। देश भर में महिलाओं के सम्मान की बातें तो खूब की जाती हैं, लेकिन नेतों के बोल आये-दिन महिला वर्ग के लिए विवादित ही निकलते हैं। अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री जीएस डोटासरा ने महिलाओं को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दिया है। महिलाओं के लिए आयोजित सशक्तिकरण समारोह में उन्होंने महिलाओं का ही अपमान किया।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा, ‘महिला कर्मचारी आपस में बहुत लड़ती हैं।’ बयान के बाद से ही बवाल मचना शुरू हो गया है। आगे वे बोले ‘सरकार ने महिलाओं के लिए नीति पेश की। उन्हें प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन महिला कर्मचारियों का आपस में विवाद है।

जहां महिला कर्मचारी हैं, वहां प्रधानाचार्य या शिक्षक ‘सेरेडौन’ लेते हैं।’ गहलोत सरकार के शिक्षा मंत्री ने महिलाओं को नसीहत देते हुए कहा कि वह इससे आगे निकल गईं तो पुरुषों से आगे निकल जाएंगी।

अपने बयान पर कुछ पर्दा डालते हुए डोटासरा बोले कि राजस्थान सरकार ने हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित किया और उन्हें नौकरियों में पसंदीदा पोस्टिंग दी। उनके इन बयानों के चलते अब देश में विवाद शुरू हो गया है।

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अन्य राज्य

बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई लाखों जनता, मचा भगदड़

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भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।

व्यवस्था पर उठे सवाल

एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

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