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प्रादेशिक

यूपीः स्‍वरोजगार से जोड़ कर प्रदेश के स्‍वच्‍छकारों के सपनों को पूरा कर रही सरकार

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लखनऊ। गरीबी रेखा के नीचे जिंदगी गुजरने वाले स्‍वच्‍छकारों को स्‍वरोजगार से जोड़कर सरकार उनके सपनों को पूरा करने का काम कर रही है। खासकर मैनुअल स्‍केवेन्‍जरों (हाथ से मैला उठाने वाले ) के पुर्नवास के लिए उनको अनुदान व कम ब्‍याज पर लोन देकर उनको मुख्‍य धारा में लाने का काम किया जा रहा है। अब तक 33 हजार से अधिक स्‍वच्‍छकारों को अनुदान व कम ब्‍याज पर लोन देकर उनको स्‍वरोजगार से जोड़ा जा चुका है जबकि 502 स्‍वच्‍छकारों के लिए 424 लाख रूपए की धनराशि अवमुक्‍त की जा चुकी है।

अनुसूचित जाति वित्‍त विकास निगम के अनुसार एमएस अधिनियम-2013 के तहत एसआरएमएस योजना के जरिए मैला उठाने वाले स्‍वच्‍छकारों को स्‍वरोजगार से जोड़कर समाज की मुख्‍य धारा में शामिल किया गया है। इस योजना के जरिए स्‍वच्‍छकारों को 15 लाख रुपए की सहायता बैंक के माध्‍यम से रोजगार के लिए दी जाती है। इसमें न्‍यूनतम 12,500 व अधिकतम 3.25 लाख रूपए की राशि अनुदान में दी जाती है जबकि शेष राशि बैंक द्वारा 6 प्रतिशत के ब्‍याज पर उपलब्‍ध कराई जाती है।

इससे स्‍वच्‍छकार अपना रोजगार शुरू कर अपने जीवन को खुशहाल बना रहे हैं। विभाग की ओर से स्‍वच्‍छकारों को कौशल विकास भी किया जा रहा है। ट्रेनिंग के बाद वह अपने रोजगार को बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं। ट्रेनिंग के दौरान 3 हजार रुपए प्रतिमाह की वृत्तिका व वह रोजगार शुरू करने के लिए 40 हजार रुपए एक मुश्‍त में दिए जाते हैं। इसे 7 हजार रुपए महीने की किश्‍त में जमा करना होते हैं।

47 जनपदों में 32 हजार स्‍वच्‍छकारों को दी गई सहायता

विभाग के अनुसार इस योजना के जरिए प्रदेश के 47 जनपदों में 32 हजार से अधिक स्‍वच्‍छकारों को अनुदान व लोन के जरिए स्‍वरोजगार शुरू करने में मदद की गई है। विभाग के अनुसार सर्वे के दौरान स्‍वरोजगार से जोड़ने के लिए 37379 स्‍वच्‍छकारों को चिन्हित किया गया था। इसमें 32028 स्‍वच्‍छकारों को 40 हजार रुपए प्रति स्‍वच्‍छकार की राशि दी गई। इसके अलावा 1205 स्‍वच्‍छकारों ने स्‍वरोजगार शुरू करने के लिए आवेदन किया था। इसमें से 502 स्‍वच्‍छकारों को आर्थिक मदद करने के लिए 424.125 लाख रुपए की धनराशि सरकार ने अवमुक्‍त की है। इससे वह मैला उठाने की कुप्रथा से बाहर निकल कर अपना रोजगार शुरू कर सकेंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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