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प्रादेशिक

कोरोना मृतकों के परिजनों को ₹50 हजार की राहत राशि देगी योगी सरकार, जल्द जारी होगी विस्तृत गाइडलाइन

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लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच जीवन और जीविका को बचाने के अपने संवेदनशील प्रयासों के लिए देश-दुनिया में सराही जा रही योगी सरकार अब कोरोना मृतकों के परिजनों को ₹50 हजार की राहत राशि देने जा रही है।

हर वह परिवार जिसके किसी सदस्य की मृत्यु कोविड संक्रमण के कारण हुई हो, उसे यह राहत राशि दी जाएगी। राहत राशि के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अगले तीस दिन की अवधि में मृत्यु होने को समय सीमा माना जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बाबत विस्तृत गाइडलाइन जल्द ही जारी हो जाएंगी।

रविवार को कोविड प्रबंधन संबंधी उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ बैठक में सीएम योगी ने कहा कि कोरोना से प्रभावित हर परिवार के साथ सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों के भरण-पोषण के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई तो निराश्रित महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं।

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अब हर कोरोना मृतक के परिवार को ₹50 हजार की राहत राशि दी जानी है। यह उन परिवारों के लिए बड़ा संबल होगा। उन्होंने कहा कि एक भी प्रभावित परिवार राहत राशि से वंचित न रहे, इसे सुनिश्चित किया जाए। इसकी मॉनिटरिंग और पारदर्शिता पूर्ण क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपदीय कमेटी गठित की जाए। कमेटी में मुख्य चिकित्साधिकारी भी शामिल होंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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