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प्रादेशिक

बसपा-सपा व कांग्रेस के राज में कोरोना महामारी आयी होती तो भगवान ही मालिक होताः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख विपक्षी दलों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने जातिवाद को बढ़ावा देते हुए अपने शासनकाल में प्रदेश को दंगे की आग में झोंक दिया था। उद्योग-धंधे चौपट होते थे, दंगों में संपत्ति लूटी जाती थी । त्योहारों पर कर्फ्यू का पहरा होता था । गुंडे- माफिया व्यवस्था पर हावी होकर लोगों को लूटते थे । आज शांति है । प्रदेश में एक भी दंगे नहीं हुए । सभी त्योहार शांति से मनाये जा रहे हैं। व्यापारियों और समाज के पिछड़े वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देते हुए तमाम योजनाएं चल रही है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) आज प्रदेश की एक लोकप्रिय आर्थिक योजना के रूप में चल रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो अलग अलग सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डा. महेन्द्र सिंह, राजेन्द्र कश्यप, रामचंद्र प्रधान, प्रियंका सिंह रावत सहित प्रमुख लोग मौजूद थे । सीएम योगी ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने देश और जाति पर गौरव करना चाहिए लेकिन जातिवाद से बचते हुए राष्ट्रवाद को बढ़ावा देते हुए समाज और देश के उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। सामाजिक न्याय की लड़ाई में स्व. कर्पुरी ठाकुर के योगदान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सोंचना होगा कि जिन लोगों ने अपने स्वार्थ में समाज को बांटकर सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन किया । उनकी क्षति की , वह कभी सम्मान के योग्य नहीं हो सकता है । जबकि हमारा सामाजिक तानाबाना एक दूसरे से इतना जुड़ा होता था कि कोई भी मांगलिक कार्य पूरा नहीं होता था।

कोरोना कालखंड की चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य था जिसने श्रमिकों के परिवार के भरण-पोषण के लिए भत्ता की व्यवस्था की । मुफ्त में राशन दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का पहला देश है सौ करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। इससे पहले देश में कोई वैक्सीन तक नहीं बनती थी । उन्होंने आगे कहा कि यही कोरोना महामारी सपा शासन में आयी होती तो चाचा-भतीजे में हड़पने की होड़ लग जाती। माफिया को ठेका देने की होड़ मच जाती । कांग्रेस से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। बसपा राज में कोरोना होता तब तो भगवान ही मालिक होते। अखिलेश यादव को संवेदनहीन करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सपा शासन में इंसेफेलाइटिस के कहर से बच्चे बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूम बच्चे मर रहे थे लेकिन अखिलेश यादव उन पीड़ित बच्चों से मिलने की बजाय एक मांगलिक कार्यक्रम में जाना जरूरी समझा था।

प्रदेश के परंपरागत उद्योग को पहचान मिली

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में परंपरागत उद्योग मृतप्राय होता गया। भाजपा ने वर्ष 2018 में एक जिला एक उत्पाद की योजना लागू की ताकि इन परंपरागत उद्योगों में लगे लोगों का जीवन खुशहाल हो सके । आज यह योजना सबसे लोकप्रिय योजना साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि दिवाली पर्व पर एक सप्ताह का मेला लगने जा रहा है जिसमें स्थानीय व्यापारी अपने उत्पाद बेंच सकेंगे। विश्वकर्मा श्रम सम्मान सहित हलवाई सहित 17 ट्रेड को प्रशिक्षण देकर मानदेय व रोजगार की व्यवस्था कर रहे हैं।

व्यापारियों को दे रहे हैं दस लाख का बीमा कवर

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में दंगे होते थे । व्यापारियों की संपत्ति लूटी जाती थी । व्यापारियों की हत्या की जाती थी जिसके खिलाफ हमने खुद सड़क पर उतर कर लड़ाई लड़ी है। हमारी सरकार ने व्यापार का एक बेहतर माहौल दिया है। व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन कर व्यापारियों को दस लाख रुपये का बीमा का कवर दिया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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