प्रादेशिक
सीएम योगी ने साधा विपक्ष पर निशाना, सपा-कांग्रेस, बसपा के लिए कही ये बात
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा, बसपा और कांग्रेस को हिन्दू विरोधी बताते हुए कहा कि इन दलों ने हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़ किया । हिंदू आस्था के केंद्र सेतु बंध को प्रभावित करने की कोशिश की गयी , जिसे भगवान विश्वकर्मा के पुत्र नल और नील ने भगवान श्रीराम को श्रीलंका जाने को तैयार किया था। सपा का नाम लिये बिना 2012 से 2017 तक रही प्रदेश सरकार को जीवंत कलयुगी अवतार बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुओं के त्योहार से पहले दंगे होते थे । हिन्दू अपना कोई पर्व मना ही नहीं पाता था। आज प्रदेश दंगे से मुक्त है । हर कोई अपना पर्व व त्योहार मना सकता है ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अलीगंज स्थित पंचायत भवन में पिछड़े मोर्चे द्वारा आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । इस मौके पर सांसद रामचंद्र, पिछड़ा मोर्चा के उपाधयक्ष कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा, संतराज विश्वकर्माआदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार अपने परिवार को ही प्रदेश मानती थी । वर्ष 2012 से 2017 तक चाचा, भतीजा,नाना, मामा सहित पूरा खानदान लूट-खसोट में लगा था। कोई किसी को धक्का मार देता था । सभी रिश्तों ने महाभारत की याद दिला दी थी । पूरा खानदान महाभारत का जीवंत कलयुगी अवतार था । उनके शासन में कोई ऐसा जिला नहीं बचा था, जहाँ दंगे नहीं होते थे । यह दंगे हिन्दुओं के पर्व होली,दिवाली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि, विजयादशमी और रामनवमी के पहले ही होते थे । हिन्दू अपना त्योहार ही नहीं मना पाते थे । दूसरी तरफ वे बड़ी बेशर्मी से गोल टोपी पहनकर प्रदेश की जनता को अपमानित करते थे। आज किसी की हिम्मत नहीं है कि किसी त्योहार में खलल डाल दे।
सपा ने 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व में बनी यूपीए सरकार को बिना मांगे इसी मंशा से समर्थन दिया ताकि कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर हिन्दू आस्था को आहत कर सके। सपा, बसपा और कांग्रेस ने 2005 राम बंध को तोड़ने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा कर केवल हिन्दू आस्था का अपमान किया अपितु सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन कर विकास को अवरुद्ध किया। भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा देते रहे । युवाओं के समक्ष पहचान का संकट था। योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं मिलती थी । नियुक्ति से पहले लोग वसूली पर निकल पड़ते थे । आज युवाओं को ईमानदारी से उनकी योग्यता पर नौकरी मिल रही है । आज किसी वर्ग का कोई युवा नहीं है जिसे शासन की योजनाओं का लाभ न मिल रह हो । भाजपा सरकार के साढ़े चार साल में 45 लाख आवास समाज के सभी वर्गों को मिलले है। पहले की सरकारें इससे वंचित करती थी।
भाजपा सरकार नेविश्वकर्मा श्रम सम्मान के जरिये अब तक 60 लाख लोगों को स्वत: रोजगार मुहैया कराया गया है। विभिन्न ट्रेड के कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उनके स्वरोजगार के लिए ऋण और सब्सिडी दी जा रही है। विश्वकर्मा समाज को पिछड़ा वर्ग आयोग सहित संसद में भी भाजपा प्रतिनिधित्व दे रही है। विश्वकर्मा समाज के लोग आज जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, प्रधान बनकर विकास में भागीदार बन रहे हैं। रामद्रोही कभी हितैषी नहीं हो सकते
मुख्यमंत्री योगी ने सपा, बसपा और कांग्रेस को रामद्रोही और आतंकी समर्थक बताते हुए कहा कि यह कभी किसी समाज के हितैषी नहीं हो सकते। जो देश प्रदेश का हितैषी नहीं हो सकता वह ,किसी का हितैषी नहीं हो सकता। इनसे जितना दूर रहेंगे उतना ही आपका वर्तमान और भविष्य सुरक्षित रहेगा।लिहाज समाज, प्रदेश और भावी पीढ़ी के भविष्य के लिए घर घर जाकर सरकार की योजनाओं से जागरूक करना होगा।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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