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राजकुमार राव और पत्रलेखा के घर बजेंगी शहनाइयां, नवंबर में रचाएंगे शादी

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बाॅलिवुड में इन दिनों हर तरफ शादियों की खबरें हैं। रणबीर कपूर-आलिया भट्ट और कैटरीना कैफ और विक्की कौशल की शादी की सुर्खियों के बाद, एक और मशहूर कपल जल्द ही शादी करने वाले जोड़ों की सूची में शामिल होने‌ वाला है।

‘सिटि लाइटस’ से शुरू हुआ था प्यार

राजकुमार राव और पत्रलेखा के घर शादी की शहनाइयां सुनाई देने वाली हैं। जानकारी के मुताबिक कपल अगले महीने दिवाली के बाद नवंबर के दूसरे हफ्ते में शादी के बंधन में बंधने की तैयारी में है। बता दें कि शादी इस साल 10 नवंबर से 12 नवंबर के बीच होगी।

करेंगे प्राइवेट शादी समारोह

बताया जा रहा है कि राजकुमार राव और पत्रलेखा की शादी इंटिमेट होगी। ऐसी अफवाहें भी हैं कि उनके कुछ करीबी दोस्तों को पहले ही आमंत्रित किया जा चुका है। राजकुमार और पत्रलेखा दोनों कथित तौर पर एक प्राइवेट विवाह समारोह की सोच रहे हैं।

 

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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