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प्रादेशिक

निराश्रितों, असहायों और कमजोर वर्ग की मदद को आगे आई योगी सरकार, अस्थाई आवासों के लिए जारी किया बजट

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लखनऊ। प्रदेश सरकार शीतलहरी के दौरान समस्याओं से घिरे निराश्रित, असहाय और कमजोर वर्ग के लोगों की मदद के लिए आगे आई है। उसने ऐसे लोगों को ठंड के बचाने के लिए कंबल बांटने, अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था करने, उनको भोजन देने, अस्थाई आवास, वस्त्र और चिकित्सा की व्यवस्था के प्रयास तेज कर दिए हैं। पहले चरण में 350 तहसीलों के लिए कुल 19 करोड़ 25 लाख रुपये जारी किये हैं। सरकार की मंशा शीतलहरी में निराश्रित और असहाय लोगों का जीवन बचाना और उनको मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी के दौरान निराश्रित, असहाय और कमजोर वर्ग के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थल पर अलाव जलवाने और जरूरतमन्दों को कम्बल बांटने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। शीतलहर के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निराश्रित एवं असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से कम्बल खरीदने हेतु प्रत्येक तहसील के लिए 05 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को शीतलहर में आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए एलर्ट रहने के निर्देश भी जारी किये गये हैं। मुख्य रूप से असहाय, निराश्रित और कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देने को कहा है। सरकार का प्रयास ऐसे लोगों के लिए तत्काल अस्थाई आवास की व्यवस्था करना, उनके भोजन और वस्त्र की चिंता करने के साथ-साथ बीमार होने पर उनको चिकित्सा सुविधा सुविधा भी पहुंचाना है।

सरकार ने मुख्य रूप से पहले चरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, बुंदलशहर, गौतमबुद्ध नगर, बागपत की तहसीलों में अपने प्रयास को शुरू किया है। 350 तहसीलों को 17 करोड़ 50 लाख रुपये जारी किये गये हैं, जिनमें कंबल खरीदने के लिए प्रत्येक तहसील को 5 लाख रुपये जारी किये हैं। इसके अलावा अलाव जलाने के लिए 50 हजार और अन्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए 1 करोड़ 75 लाख रुपये दिये जाने का शासनादेश कर दिया है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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