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प्रादेशिक

पर्यावरण मंत्रालय से मिली गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण की मंजूरी, टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर शीघ्र शुरू होगा काम

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए दिनांक 20 नवम्बर, 2021 को राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी, उ0प्र0 के सदस्य सचिव द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी (EC) जारी कर दी गयी है।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना-2006 के अंतर्गत शेड्यूल में आच्छादित प्रोजेक्ट्स के निर्माण से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसी अधिसूचना के तहत यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी ली गई है। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए टेण्डर की प्रक्रिया पहले से ही गतिमान है टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर शीघ्र ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू. 36230 करोड़ है। इस परियोजना के विकास हेतु पी.पी.पी. (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, आपरेट एवं ट्रान्सफर (डी.बी.एफ.ओ.टी) पद्वति पर निविदायें आमंत्रित की गई हैं।

यह एक्सप्रेसवे 594 किमी0 लम्बा पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित होगा जोकि मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होकर प्रयागराज बाइपास (NH-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के समीप समाप्त होगा।

यह एक्सप्रेसवे 12 जनपदांे- मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ एवं प्रयागराज से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे 06 लेन चौड़ा (08 लेन विस्तारणीय) होगा। इस एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है, अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि क्रय/अधिग्रहित की जा चुकी है।

इस एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतर्गत लगभग 140 नदी/धारा/नहर/नाला, शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 07 आरओबी, 17 इंटरचेंज, 14, मेजर ब्रिज, 126 माइनर ब्रिज, 28 फ्लाई ओवरी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 160 एसवीयूपी और 946 पुलियों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। एैसा अनुमान है कि इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी आधार पर नियोजित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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