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प्रादेशिक

काशी विश्वनाथ बनेगा पूर्वांचल के विकास, व्यापार और रोजगार का कॉरिडोर

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लखनऊ। काशी विश्वनाथ कारीडोर न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के लिए विकास, व्यापार और रोजगार की धुरी बनेगा। काशी विश्वनाथ कारीडोर के विकास से वाराणसी में पर्यटन, व्यापार और रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध होंगे, जिनका लाभ पूर्वांचल के अन्य जिलों को मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सफल क्रियान्वयन का परिणाम है कि वाराणसी लगातार विकास के पथ अग्रसर है। श्री काशी विश्वानाथ धाम का निर्माण चल रहा है। इसके तहत विभिन्न भवनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही 70 किलोमीटर लंबे पंचकोसी मार्ग को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया जा रहा है। इसके लिए पंचकोसी यात्रा के दौरान पड़ने वाले 108 मुख्य मंदिर, 44 धर्मशाला, कुंड और यात्री निवास का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। वहीं जापान के सहयोग से 186 करोड़ों रुपए की लागत से नगर निगम परिसर में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया गया है। साथ ही गंगा नदी में क्रूज का संचालन किया जा रहा है।

वहीं वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अब तक 403.39 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 418 करोड़ रुपए से मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण, शहर में अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए करोड़ों की लागत से कई पार्किंग और मल्टी लेवल पार्किंग वाराणसी के विकास को नई गति दे रहे हैं। काशी में उद्योग एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है।

वाराणसी के लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ने का लाभ न सिर्फ काशी को बल्कि आसपास के जिलों चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, भदोही और मिर्जापुर के लोगों भी मिलेगा। पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में व्यापार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के भी अवसर उपलब्ध होंगे। आने वाले समय में पूर्वांचल के लिए वाराणसी एक आर्थिक केंद्र के रूप में उभरेगा।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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