प्रादेशिक
यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में हुए बड़े बदलाव, 2017 के बाद सुविधाओं में हुई बढ़ोतरी
लखनऊ। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के मामले में उत्तर प्रदेश रोजाना कीर्तिमान हासिल कर रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के मामलों में यूपी ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में यूपी प्रथम स्थान पर है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि लिंगानुपात, शिशु मृत्यु दर, मेडिकल कॉलेज में बढ़ोतरी के मामले में यूपी में काफी सुधार हुआ है। स्वास्थ्य सूचकांक में यूपी विकासशील प्रदर्शन में 5.52 प्राप्तांक हासिल करने में सफल रहा है। डेल्टा रैंकिंग में असम दूसरे व तेलंगना तीसरे स्थान पर है।
पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी सुधार हुआ है जिसकी गवाही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 और नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक के आंकड़ें दे रहे हैं। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश यूपी सुधार के मामले नंबर वन है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में जारी किए आंकड़ों के अनुसार बच्चों में संक्रमण की दर पहले की अपेक्षा कम हुई है और नवजात शिशु को मृत्यु दर में भी कमी आई है।
नवजात मृत्यु दर में 9.94 प्रतिशत की दर्ज की गई गिरावट
साल 2017 के बाद प्रदेश में नवजातों के हालातों में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के साल 2020-2021 की रिर्पोट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा यूपी में सुधार हुआ है। यूपी में साल 2015-2016 में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नवजात मृत्यु दर (एनएनएमआर) 45.1 प्रतिशत थी तों वहीं 2020-2021 में 35.7 प्रतिशत दर्ज की गई है।
ऐसे में नवजात मृत्यु दर में 9.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर (प्रति एक हजार) जन्में बच्चों में से एक साल या उससे कम उम्र में मृत्यु और पांच साल से कम में मृत्यु की दर के जारी किए गए आकड़ों में भी काफी सुधार देखने को मिला है।
बच्चों में संक्रमण की दर में आई 9.4 की गिरावट
बच्चों में संक्रमण दर की बात करें तो साल 2017 से पहले बच्चों में संक्रमण की दर 15 प्रतिशत थी तो वहीं अब 5.6 प्रतिशत है। योगी सरकार में बच्चों की संक्रमण दर में 9.4 की गिरावट दर्ज की गई। यूपी में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) वर्तमान समय में 50.4 प्रतिशत है तो वहीं इससे पहले 63.5 प्रतिशत थी।
पांच साल के अंदर शिशु मृत्यु दर 59.8 प्रतिशत है वहीं योगी सरकार से पहले यह 78.1 प्रतिशत थी। प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां हजारों की तदाद में नौनिहाल संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ देते थे पर प्रदेश सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से प्रदेश के बच्चों के हालात बेहतर हुए हैं।
एक साथ हुई चिकित्सकों की सीधी भर्ती
यूपी में 1000 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की गई। यूपी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की गई है। विभाग की ओर से 400 विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए पारदर्शी परामर्श-सत्र आयोजित किया गया। जिसमें उन्हें अपनी स्वेच्छा से स्वयं अपना तैनाती स्थान का विकल्प चुनने का अवसर प्रदान किया गया। नवम्बर में आयोजित इस सत्र में 300 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग करके अपने तैनाती स्थान का चयन किया गया।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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