उत्तर प्रदेश
योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह आज, 48 मंत्री भी ले सकते हैं शपथ, सज गया इकाना स्टेडियम
लखनऊ के लोक भवन में गुरुवार को हुई बैठक में योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास क्रमशः पर्यवेक्षक और सह-पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुए। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश खन्ना ने आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका भाजपा के पांच विधायकों, सूर्य प्रताप शाही, बेबी रानी मौर्य, राम नरेश अग्निहोत्री, सुशील शाक्य और नंद गोपाल नंदी ने समर्थन किया। गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल (एस) के आशीष पटेल ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
बाद में शाम को योगी आदित्यनाथ ने पार्टी और गठबंधन के नेताओं के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश किया।
शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को इकाना स्टेडियम में होगा। इसमें पीएम मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और भाजपा शासित राज्यों के उपमुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
हालांकि उपमुख्यमंत्रियों के नाम पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन इकोनॉमिक्स टाइम्स ने सूत्रों के हवाले बताया कि पिछली कैबिनेट के कई मंत्रियों को बरकरार रखा जाएगा। ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, महेंद्र सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल नंदी और संदीप सिंह को एक और मौका मिलने की संभावना है। कैबिनेट में नए चेहरों में बेबी रानी मौर्य, असीम अरुण और राजेश्वर सिंह के शामिल होने की संभावना है, जो शपथ लेने वाले 48 मंत्रियों में शामिल होंगे।
2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो डिप्टी सीएम की घोषणा की थी। इस बार दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा मंच पर मौजूद थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ या अमित शाह ने कोई घोषणा नहीं की।
विधायकों को संबोधित करते हुए नवनिर्वाचित सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नई सरकार वादों को पूरा करने के लिए एक टीम के रूप में काम करेगी। उन्होंने अपने नए सहयोगियों को आगाह करते हुए कहा, “यह जीत साबित करती है कि यूपी के लोगों ने वंशवादी राजनीति को खारिज कर दिया है और बिना किसी पूर्वाग्रह के लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाली सरकार को प्राथमिकता दी है।”
अमित शाह ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, “यह पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री यूपी में जनादेश जीतकर सत्ता में आया है और यह ऐतिहासिक है। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नई सरकार पिछले पांच वर्षों में रखी गई विकास और सुशासन की मजबूत नींव को मजबूत करने का काम करेगी। नई सरकार यूपी को देश का नंबर एक राज्य बनाने का काम करेगी।”
इससे पहले विधायक दल की बैठक में यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी बीजेपी महासचिव सुनील बंसल शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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