Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सुप्रिया सुले के साथ वायरल वीडियो पर शशि थरूर ने तोड़ी चुप्पी, बोले-‘कुछ तो लोग कहेंगे’

Published

on

Loading

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले की लोकसभा में हुई बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो पर गुरुवार को थरूर ने कहा कि वह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद एक प्रश्न के बारे में चर्चा कर रहे थे।

वीडियो लोकसभा में मंगलवार को नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर हुई चर्चा के समय का है। वीडियो में नजर आ रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला सदन में बोल रहे हैं और उसी समय उनके पीछे बैठीं सुप्रिया सुले और शशि थरूर आपस में बात कर रहे हैं। लोग इस वीडिये पर चुटीले अंदाज में टिप्पणियां कर रहे हैं।

इसके बाद अब थरूर ने ट्वीट कर कहा है, ‘‘जो लोग लोकसभा में मेरे और सुप्रिया सुले के बीच की संक्षिप्त बातचीत पर मजे ले रहे हैं, उनके लिए यह बताना चाहता हूं कि वह मुझसे नीति से संबंधित एक सवाल पूछ रही थीं क्योंकि वह अगली वक्ता थीं। वह (सुप्रिया) धीरे-धीरे बोल रही थीं ताकि फारूक साहब को परेशानी नहीं हो। मैं उन्हें सुनने के लिए झुक गया था।’’

इसके बाद थरूर ने अमर प्रेम फिल्म के गाने का जिक्र करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ”कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना! कुछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई। तू कौन है, तेरा नाम है क्या, सीता भी यहां बदनाम हुई। कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना!” इस गाने को आनंद बख्शी ने लिखा है और किशोर कुमार ने गाया है।

नेशनल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

Continue Reading

Trending