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देश में डराने लगे कोरोना के मामले, 24 घंटे में मिले 3,157 संक्रमित

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देशभर में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के कुल 3157 नए मामले सामने आए हैं। यह कल के मुकाबले 5 फीसदी कम नए मामले हैं। इसके साथ ही देश में कुल कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 4 करोड़, 30 लाख, 82 हजार 345 हो गई है। पिछले 24 घंटों में देशभर में कुल 26 लोगों की कोविड से मौत भी हुई है। अबतक देश में कोविड से कुल 5 लाख 23 हजार 869 लोगों की मौत हो चुकी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में फिलहाल कुल एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 19 हजार के पार हो गई है। फिलहाल देशभर में 19,500 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.05 फीसदी हो गया है। देश में फिलहाल रिकवरी रेट 98.74 फीसदी दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में देशभर में कुल 2,723 मरीज ठीक हुए हैं। अब तक देशभर में कुल 4 करोड़, 25 लाख, 38 हजार, 976 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं।

देश में डेली पॉजिटिविटी रेट अब बढ़कर 1.07 फीसदी पर आ गई है। वीकली पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर अब 0.70 फीसदी हो गई है। अब तक देश में कुल 83.82 करोड़ सैंपल की टेस्टिंग हो चुकी है। पिछले 24 घंटों के अंदर 2,95,588 सैंपल की जांच की गई है। मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देशभर में कुल 189.23 करोड़ वैक्सीन की खुराक लोगों को दी जा चुकी है। पिछले 24 घंटों में देशभर में वैक्सीन की कुल 4,02,170 खुराक लोगों को दी गई है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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