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नेशनल

भारत में बढ़ रहा कोयला संकट, रेलवे ने 24 मई तक रद्द की 1100 से ज़्यादा ट्रेन

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देश में कोयले संकट के बीच रेलवे लगातार बड़े कदम उठा रहा है। कोयले रेक के परिवहन के लिए रेलवे अब तक कई ट्रेनों को रद्द कर चुका है। अब एक बार फिर से रेलवे ने 1100 ट्रेनों को कैंसिल किया है। इन ट्रेनों में मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। मई महीने में कोयले के चलते बिजली संकट के और बढ़ने की आशंका है, जिसके चलते कोयला रेक ट्रेनों के लिए यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। 24 मई तक कम से कम 1100 ट्रेनें रद्द रहेंगी। इसमें मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की 500 ट्रिप शामिल हैं, जबकि पैसेंजर ट्रेनों की 580 ट्रिप्स शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों को इसलिए रद्द किया गया है, ताकि थर्मल पावर प्लांट को सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी मालगाड़ियों को आसानी से रास्ता दिया जा सके, जिससे कोयला समय पर पहुंच सके। यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में कोयले संकट की वजह से बिजली समस्या पैदा हो गई थी। इसके बाद सरकार ने कई बैठकें की। कई राज्यों में बिजली कटौती भी की गई, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

कोयले संकट पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले दिनों जानकारी दी थी कि थर्मल पावर प्लांट्स में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है जो आने वाले कई दिनों के लिए पर्याप्त है। वहीं, कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास 80 दिनों का स्टॉक मौजूद है।

बिजली संकट के क्या हैं कारण?

कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों में भीषण गर्मी पड़ी है। इसके अलावा कई राज्यों में कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी माना था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है। उन्होंने कहा था, ”रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है।” इसके अलावा बताया जा रहा है कि झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया पेमेंट न देने के चलते कोयला संकट पैदा हुआ है।

नेशनल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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