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प्रादेशिक

यूपी में 18 से अधिक आयु की पूरी आबादी को दी जा चुकी है कम से कम कोरोना की एक डोज

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लखनऊ। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता का ही असर है कि 24 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में एक्टिव केस की संख्‍या में इजाफा होने के बाद भी अस्‍पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्‍या न के बराबर है। सं‍क्रमित मरीजों को उनके घर पर ही सारी सेवाएं सरकार की ओर से पहुंचाई जा रही हैं। संक्रमितों की 24 घटें की मॉनिटरिंग, दवाओं की उपलब्‍धता, टेस्‍ट, सैनिटाइजेशन के साथ ही उस इलाके में कोविड गाइडलाइन का पालन कड़ाई से कराया जा रहा है। जिसका परिणाम है कि प्रदेश के हालात बेहतर हैं। बीते 07 मई को प्रदेश में 2000 से अधिक एक्टिव केस थे लेकिन एक बार फिर से नए केस की संख्या में कमी देखी जा रही है।

प्रदेश में मंगलवार को पॉजिटिविटी दर 0.03 प्रतिशत रही। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तौर पर नियंत्रण में है। फोर टी रणनीति (ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण) की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1,432 एक्टिव केस हैं। इसमें 1374 लोग होम आइसोलेशन में हैं। बीते 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 179 नए संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई। गौतमबुद्ध नगर में 56, गाजियाबाद में 37, लखनऊ में 21 नए संक्रमण के केस मिले। इस बीच 231 लोगों ने कोरोनो संक्रमण को मात दी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उच्‍चस्‍तरीय बैठक में आला अधिकारियों को टेस्टिंग की संख्या को तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि जिन जिलों में दहाई अंक में नए केस की पुष्टि हो रही है वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैवल हिस्ट्री का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने आला अधिकारियों से कहा कि जिन जिलों में केस अधिक मिल रहे हैं वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य करें और इसका प्रभावी अनुपालन कराएं।

18 से अधिक आयु की पूरी आबादी को दी जा चुकी कम से कम एक डोज

उत्तर प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 31 करोड़ 85 लाख डोज दी जा चुकी है। जबकि 11 करोड़ 23 लाख से अधिक कोविड टेस्ट भी किए जा चुके हैं। 18 से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है, जबकि 89.86 प्रतिशत वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 95.85 प्रतिशत से अधिक किशोरों को पहली खुराक और 69.80 प्रतिशत से किशोरों को दोनों डोज दी जा चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चे टीकाकवर पा चुके हैं। जिनको दूसरी डोज लगाया जाना भी शुरू हो चुका है।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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