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उपराष्ट्रपति चुनाव का ऐलान, 5 जुलाई को नोटिफिकेशन; 6 अगस्त को डाले जाएंगे वोट

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव का भी ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने आज बुधवार को उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों घोषणा की।

चुनाव आयोग के अनुसार उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त 2022 को वोट डाले जाएंगे और उसी दिन परिणाम भी आ जाएंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 5 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। वहीं, नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 19 जुलाई 2022 होगी। इसके बाद 20 जुलाई को उम्मीदवारों की स्क्रूटनी की जाएगी। वहीं, उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 22 जुलाई होगी।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए अगर मदतान की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए 6 अगस्त को वोट डाले जाएंगे। मतदान का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। मतदान के दिन ही वोटों की गिनती भी की जाएगी और परिणाम घोषित किए जाएंगे।

कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य हिस्सा लेते हैं। इस चुनाव मनोनीत सांसद भी अपना वोट डाल सकते हैं।

इस तरह उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं होता है। उसमें दोनों सदन के सदस्य के साथ-साथ विधायक भी वोट करते हैं।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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