प्रादेशिक
PFI से जुड़े SDPI को मप्र निकाय चुनाव में मिली कामयाबी, 3 वार्ड में जीत
भोपाल। पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI ) के राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने भी मप्र निकाय चुनाव में अपना खाता खोला है। एसडीपाई ने हाल ही में संपन्न चुनाव में 3 वार्ड में जीत हासिल की है। इसे कामयाबी नीमच में मिली है, जहां हाल ही में सांप्रदायिक तनाव हुआ था।
एसडीपाआई ने मप्र में ऐसे समय पर जीत हासिल की है, जब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पीएफआई को राष्ट्र विरोधी संगठन बताते हुए लगातार इस पर निशाना साध रहे हैं। पिछले दो साल में पीएफआई और एसडीपीआई मध्य प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में सक्रिय हो गया है। एसडीपीआई उम्मीदवार अरबिना बी और जफर शाह को नीमच जिले के रामपुर नगर पालिका के वार्ड 10 और 11 में जीत मिली। दोनों ने बीजेपी उम्मीदवार को हराया। वहीं, मनासा में जफर शाह ने वार्ड 11 से जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया।
इंदौर में एसडीपीआई के नेता के सलीम ने कहा, ”कांग्रेस के नेताओं ने हमसे चुनाव नहीं लड़ने को कहा था क्योंकि यह बीजेपी की एआईएमआईएम की तरह मदद होगी। बीजेपी उम्मीदवारों को हराकर हमने साबित कर दिया है एसडीपीआई लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रही है।”
उन्होंने कहा कि दो साल पहले शहर में बाढ़ आई थी और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर लोगों को बचाया था। इसलिए हमें मतदाताओं का इतना समर्थन मिला।
गौरतलब है कि इस साल मई में नीमच में सांप्रदायिक तनाव हुआ था। कुछ लोगों ने यहां मुसलमानों के आस्था स्थल के करीब हनुमान जी की मूर्ति लगाने की कोशिश की थी। हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, ”स्थानीय निकाय चुनाव में कई फैक्टर्स होते हैं, इसलिए यह कहना गलत होगा कि वे एसडीपीआई की वजह से जीत गए।”
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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