नेशनल
उपराष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष में फिर बिखराव, मायावती ने NDA उम्मीदवार को दिया समर्थन
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष के खिलाफ अलग स्टैंड लेते हुए एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि बसपा, एनडीए के उम्मीदवार को वोट देगी।उप राष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को मतदान होना है। मायावती ने एक ट्वीट कर बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी ने एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का फैसला किया है।
उन्होंने लिखा- ‘सर्वविदित है कि देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता और विपक्ष के बीच आम सहमति न बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ। अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है।’
1. सर्वविदित है कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ। अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है। (1/2)
— Mayawati (@Mayawati) August 3, 2022
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा- ‘बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित और अपनी मूवमेंट को भी ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है और जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूं।’ बीएसपी का कहना है कि उनका ये फैसला स्वतंत्र रूप से लिया गया है। ये न सत्तापक्ष के समर्थन में है न विपक्ष के खिलाफ।
2. बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर श्री जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूँ। (2/2)
— Mayawati (@Mayawati) August 3, 2022
गौरतलब है मौजूदा राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोट पड़ेंगे। उसी दिन मतों की गणना भी होगी। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा को प्रत्याशी चुना है। मार्गरेट अल्वा भी राज्यपाल रह चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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