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राजनीतिक दलों की मुफ्त घोषणाओं का अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। चुनावों के दौरान मुफ्त उपहारों की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है। राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त की घोषणा पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि नीति आयोग, फाइनेंस कमीशन, भारत सरकार, विपक्षी दल, रिजर्व बैंक और सभी हितधारक मिल कर मुफ्त घोषणाओं के लाभ हानि पर विचार करके सुझाव दें क्योंकि इन मुफ्त घोषणाओं का अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पडता है।
याचिका का सैद्धान्तिक तौर पर समर्थन करते हुए केंद्र सरकार ने कहा इस तरह की घोषणा से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है। ये अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी है। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोकलुभावन घोषणाएं मतदाता को फैसला लेने की क्षमता को विकृत करती है। एक मतदाता को यह पता चलना चाहिए कि मुफ्त की घोषणा का उस पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
तुषार मेहता ने कहा कि इससे हम आर्थिक आपदा की ओर बढ़ रहे हैं। मेहता ने सुझाव दिया कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को इस मामले पर अपना दिमाग लगाना चाहिए और वे फिर से विचार कर सकते हैं।
पिछली सुनवाई में क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा सार्वजनिक धन से तर्कहीन मुफ्त सुविधाएं देने के वादों पर नियंत्रण होना चाहिए। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सुविधाएं देने के मामले में CJI एनवी रमना ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से भी राय मांगी थी।
उस पर कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह एक गंभीर मुद्दा है लेकिन इस मामले को राजनीतिक रूप से नियंत्रित करना मुश्किल है। वित्त आयोग जब विभिन्न राज्यों का आवंटन करता है, तो वो राज्य के कर्ज और मुफ्त सुविधाओं को ध्यान में रख सकता है। वित्त आयोग इस मामले को निपटने के लिए उपयुक्त विभाग है। हम इस समस्या से निपटने के लिए आयोग की मदद ले सकते हैं।
वर्तमान सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि उसके हाथ शीर्ष अदालत के मुफ्त उपहारों के फैसले से बंधे हुए थे। इस मामले में शामिल एक वकील ने सुझाव दिया कि क्या कोई माडल घोषणापत्र है, जिसमें वे कहते हैं कि इससे कोई नुकसान नहीं है। अगर राजनीतिक दल कर्ज की घोषणा करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह सब कोरी औपचारिकताएं हैं। तुषार मेहता ने दोहराया कि हम आर्थिक आपदा की ओर बढ़ रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और चुनाव आयोग और केंद्र सरकार यह नहीं कह सकती कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और सुझाव देना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से सुझाव मांगे, जो एक अन्य मामले के लिए अदालत कक्ष में मौजूद थे।
कपिल सिब्बल ने सुझाव दिया कि इस मामले को चुनाव आयोग से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि यह एक राजनीतिक और आर्थिक मुद्दा है। इस मामले पर संसद में बहस होनी चाहिए। बेंच में शामिल जस्टिस कृष्णा मुरारी और हेमा कोहली ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल मुफ्त नहीं लेना चाहेगा और सभी मुफ्त चाहते हैं। पीठ ने कहा कि ये सभी नीतिगत मामले हैं और सभी को बहस में भाग लेना चाहिए।
पीठ ने कहा कि हम कहेंगे कि वित्त आयोग, राजनीतिक दल, विपक्षी दल वे सभी इस समूह के सदस्य हो सकते हैं। उन्हें बहस करने दें और उन्हें बातचीत करने दें। उन्हें अपने सुझाव दें और अपनी रिपोर्ट जमा करें। एक वकील ने सुझाव दिया कि आरबीआई को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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