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उत्तर प्रदेश

लखीमपुरी खीरी कांड: पूरी रात अपराधियों की तलाश में अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देती रही पुलिस, सभी दरिंदे गिरफ्त में

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लखनऊ। प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में है और लखीमपुर खीरी मामले में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यही संवेदनशीलता देखने को मिली। गोरखपुर के दौरे पर योगी आदित्यनाथ को देर शाम जब घटना की सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल ही प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों को एक्शन लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए और खुद पूरे मामले की मॉनीटरिंग करते रहे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए घटना के 24 घंटों के अंदर नामजद समेत सभी 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। जब पूरा देश सो रहा था, तब उत्तर प्रदेश पुलिस लखीमपुर खीरी में अपराधियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही थी। आखिरकार सुबह सभी अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गए। गौरतलब है कि बुधवार शाम को लखीमपुर जिले के थाना निघासन क्षेत्र में ग्राम तमोलिनपुरवा में 2 लड़कियों के शव पेड़ पर टंगे हुए पाए गए थे।

मुख्य आरोपी के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि घटना में तत्काल लड़कियों की मां की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत करते हुए वैज्ञानिक अन्वेषण के जरिए 6 अभियुक्तों (जुनैद, सुहैल, छोटे, हफीजुररहमान, करीमुद्दीन एवं छोटू) को गिरफ्तार किया गया है। इसमें मुख्य अभियुक्त जुनैद पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हुआ है। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को सुबह 8.34 पर थाना क्षेत्र निघासन में स्थानीय निघासन पुलिस व स्वाट टीम के साथ मुठभेड़ में अभियुक्त जुनैद पुत्र इसराइल से एक 315 बोर का तमंचा व 2 जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया। घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान मौके से अन्य अभियुक्त सुहेल व हफीजुररहमान भी गिरफ्तार किए गए। इनसे पूछताछ में अन्य अभियुक्तों छोटे पुत्र मझले व करीमुद्दीन पुत्र कलामुद्दीन को भी गिरफ्तार किया गया। एफआईआर में नामजद अभियुक्त छोटू गौतम पुत्र चेतराम गौतम को भी स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पूरी रात दबिश देती रही यूपी पुलिस

मालूम हो कि घटना संज्ञान में आते ही पुलिस ने मृतक लड़कियों की मां की लिखित तहरीर पर देर रात एक बजे थाना निघासन में धारा 302, 323, 452, 376 व 3/4 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज करने के बाद पूरी रात पुलिस ने सूचना के आधार पर अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी। एक तरफ, जहां स्थानीय पुलिस पूरी रात दबिश पर दबिश दे रही थी तो दूसरी तरफ, प्रदेश के आला पुलिस अधिकारी भी पूरी रात जागकर मामले की मॉनीटरिंग कर रहे थे।

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार, देर शाम यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया। उसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस तत्काल प्रभाव से सक्रिय हो गई। स्थानीय पुलिस के अलावा लखनऊ से आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को फौरन घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया। एसपी लखीमपुर संजीव सिन्हा की अगुवाई में त्वरित गति से कार्रवाई की गई। सभी फॉरेंसिक एविडेंस देखे गए। शवों का पोस्टमार्टम विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के तहत किया गया है। शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए हैं जिनका अंतिम संस्कार रीति-रिवाजों के जरिए किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ली पल-पल की जानकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले की निगरानी करते रहे। गोरखपुर दौरे अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच उन्होंने देर शाम आला अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। इसके बाद बिना देरी किए पुलिस को मामले में एक्शन लेने की छूट दी। स्पष्ट निर्देश दिए गए कि प्रदेश की बेटियों के साथ हुई इस ह्दय विदारक घटना को अंजाम देने वाला कोई भी अपराधी बचना नहीं चाहिए। सभी को 24 घंटे के अंदर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने मृतक बेटियों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना भी जाहिर की। वो देर रात तक मामले में अधिकारियों से जानकारी लेते रहे।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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