नई दिल्ली। अश्विन माह (क्वार) के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म में इस व्रत का बहुत अधिक महत्व है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत रखने से श्राद्ध के समान फल प्राप्त होता है। इस वर्ष यह व्रत 21 सितंबर दिन बुधवार को है।
पितृ पक्ष में होने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति ने पितृ पक्ष में श्राद्ध क्रिया नहीं किया हो उसे इंदिरा एकादशी व्रत जरूर रखना चाहिए।
इंदिरा एकादशी व्रत का धार्मिक महत्व
मान्यताओं के अनुसार इंदिरा एकादशी व्रत रखने से पितरों को श्राद्ध के समान फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है और विशेष पूजा का आयोजन होता है।
इंदिरा एकादशी व्रत रखने से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
इंदिरा एकादशी व्रत नियम
एकादशी व्रत का पालन करने वाले लोगों को इस दिन निर्जला उपवास रखना चाहिए और विशेष परिस्थिति में ही फलाहार ग्रहण करना चाहिए।
सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए।
जो लोग इंदिरा एकादशी का व्रत नहीं रख रहे हैं उन्हें सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
इस बात का ध्यान रखें कि आप इस दिन चावल न ग्रहण करें।
एकादशी व्रत के दिन मन को शांत रखें और किसी के लिए अपशब्द का प्रयोग न करें।
व्रत वाले दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें।
एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु के सहस्रनाम पाठ का जाप करें और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें।
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