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प्रादेशिक

सपा के पैदल मार्च पर सुभासपा का वॉर, ओपी राजभर ने पैदल मार्च को बताया ‘ नौटंकी ‘

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लखनऊ। उप्र विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो रही है, जिसको लेकर विधान भवन के चारों तरफ सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। बड़ी तादात में पुलिसकर्मी सुबह से ही तैनात हैं, क्योंकि आज सपा के विधायकों पैदल मार्च करते हुए सपा कार्यालय से विधान भवन तक आना था। अखिलेश यादव की अगुआई में पैदल मार्च निकली तो थी, लेकिन राजभवन से पहले ही बीच रस्ते में पुलिस बल ने इस यात्रा को रोक दिया।

सुभासपा ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के पैदल मार्च पर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘अखिलेश यादव जो अपनी पैदल यात्रा निकाल रहे हैं, यह सिर्फ नौटंकी है। पांच साल सत्ता में रहे तब उन लोगों का ख्याल नहीं आया। इनके नेताओं ने आम जनता को मारने पीटने का काम किया है। उनकी जमीनों पर कब्जा किया और अब अखिलेश उन्हीं के लिए नौटंकी कर रहे।

पैदल मार्च पर केशव का हमला
सपा की पदयात्रा पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी हमला बोला है। मौर्या ने कहा कि ‘आजादी का अमृत काल गरीब कल्याण के लिए समर्पित है। जनता ने जिन्हें पैदल किया। सपा के पास मुद्दा है तो सदन में चर्चा करो’। सपा पद यात्रा नहीं पद यात्रा के नाम पर केवल फोटो सेशन करा रही हैं।

प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि शिवपाल यादव ने बहुत कोशिश की, लेकिन अखिलेश यादव उनके साथ नहीं रहना चाहते हैं उन्होंने कहा कि शिवपाल सिंह यादव प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं अग्रणी पंक्ति के नेता हैं

वही इस यात्रा के रोके जाने को लेकर समाजवादी पार्टी बेहद इसे शर्मनाक बताया। सपा की माने तो अखिलेश यादव महंगाई, बेरोज़गारी के खिलाफ पैदल मार्च कर रहे रहे थे। यह शांतिपूर्ण मार्च था।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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