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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की बैठक से जबरन निकाले गए शी जिनपिंग के विरोधी

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Xi Jinping

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बीजिंग। चीन में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में शी जिनपिंग (Xi Jinping) की तीसरी बार ताजपोशी के बीच एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला। चीन के पूर्व राष्‍ट्रपति हू जिनताओ को पार्टी कांग्रेस के बीच से ‘जबरन’ उठाकर बाहर कर दिया गया। हू जिनताओ को जब निकाला गया, उस समय चीन के ग्रेट हॉल में समापन समारोह चल रहा था। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर शेयर किया जा रहा है।

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यही नहीं पार्टी कांग्रेस के बाद शी जिनपिंग के धुर विरोधी रहे प्रधानमंत्री ली केकिआंग को सेंट्रल कमिटी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया। इसके साथ ही वह अब पार्टी की गतिविधियों से रिटायर हो गए हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सुरक्षाकर्मी हू जिनताओ को जबरन हाथ पकड़कर निकाल रहे हैं।

हू जिन‍ताओ निकलना नहीं चाहते हैं और विरोध भी करते हैं लेकिन उन्‍हें हाथ पकड़कर ग्रेट हॉल से निकाल दिया गया। हू जिनताओ 79 साल के हैं और उन्‍हें ग्रेट हॉल के आगे के सीट पर बैठाया गया था। उनके ठीक आगे राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग बैठे हुए थे। इसके बाद उनके पास दो लोग पहुंचते हैं। हू जिनताओ ने कुछ देर उनसे बात की।

हू जिनताओ को राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकिआंग के कंधों पर हाथ रखते हुए देखा गया। वह साल 2013 में रिटायर हो गए थे। हाल के दिनों में वह सार्वजनिक रूप से काफी बीमार दिखे हैं।

इस बीच पार्टी कांग्रेस में फैसला किया गया है कि चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग को कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के मुख्‍य नेतृत्‍व सेंट्रल कमिटी से हटा दिया गया है। इस तरह से शी जिनपिंग के बाद दूसरे नंबर पर आने वाले चीनी प्रधानमंत्री पार्टी की भूमिका से रिटायर हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ली को शी जिनपिंग का मुख्‍य प्रतिद्वंदी माना जा रहा था। इसके साथ ही शी जिनपिंग के तीसरी बार ताजपोशी का रास्‍ता साफ हो गया है। यही नहीं चीन में चौथे सबसे शक्तिशाली अधिकारी रहे वांग यांग को भी बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है।

चीन में शी जिनपिंग सबसे शक्तिशाली हो गए

विश्‍लेषकों के मुताबिक कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी में अब शी जिनपिंग के समर्थकों को ज्‍यादा जगह दी गई है। प्रधानमंत्री ली के विदाई के साथ ही अब चीन में शी जिनपिंग सबसे शक्तिशाली हो गए हैं। सेंट्रल कमिटी में शी समर्थकों का दबदबा होने के बाद चीनी राष्‍ट्रपति अपने तीसरे कार्यकाल में आसानी से कड़े फैसले ले सकेंगे। इस तरह से शी जिनपिंग के देश में सबसे शक्तिशाली नेता होने का रास्‍ता पूरी तरह से साफ हो गया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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