Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

AMU में मनाया गया काला दिवस, लगे ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे

Published

on

amu protest

Loading

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में कल 6 दिसंबर काला दिवस के रूप में मनाया गया। बड़ी संख्या में छात्रों ने एएमयू कैंपस में जोरदार प्रदर्शन किया और ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे भी लगाए। प्रदर्शन के दौरान AMU के बाहर डीएसपी सहित एसीएम व पीएसी बल तैनात रहा।

यह भी पढ़ें

मथुरा: ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान, हिंदू महासभा के पदाधिकारी नजरबंद

हार्ट अटैक से बचने के लिए खाएं ये चीजें, 7 घंटे की नींद है जरुरी

छात्रों ने बताया कि उन्होंने काला दिवस (Students celebrated black day in aligarh) इसलिए मनाया है क्योंकि 6 दिसंबर 1992 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया। सेकुलरिज्म के नाम पर कुछ लोगों ने ताला खुलवाया था और हमारे मस्जिद को शहीद किया गया। यह सब होने के बाद भी मुसलमानों ने इस देश के संविधान का सम्मान रखा है और मुसलमानों ने कोई हिंसा नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों बाद जो अयोध्या पर फैसला दिया वह मुसलमानों के लिए न्याय नहीं था।

छात्र अबू सईद ने कहा कि जो आज भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। उनके पूर्वजों ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया था। हम वह दिन नहीं भूले हैं। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश अल्पसंख्यक के अधिकारों को संरक्षित नहीं कर पाया है। यह हिंदुस्तान के इतिहास में एक शर्मनाक दिन है।

जो देश अपने आपको दुनिया का सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देश कहता है, उस देश की सबसे बड़ी कोर्ट के वॉयलेशन कर मस्जिद शहीद की जाती है और जो लोग मस्जिद शहीद करते हैं। वह आज सत्ता में बैठे हुए हैं। उन पर कार्रवाई नहीं होती है। छात्रों ने बताया कि हम आने वाली नस्लों को बताएंगे कि अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों को किस तरीके से तोड़ा गया और सेर्कुलर पार्टियां खामोश रही।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो. वसिम अली ने कहा कि किसी तरह का प्रोटेस्ट नहीं था। कुछ छात्रों ने अपनी पर्सनल भावनाएं व्यक्त की और उसके बाद चले गए। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट पर भी टिप्पणियां की। प्रॉक्टर ने प्रोटेस्ट मार्च निकालने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि दो चार लोग व्यक्तिगत अपना मना रहे हैं। उससे यूनिवर्सिटी का कोई ताल्लुक नहीं है। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई परमिशन नहीं दी है।

amu protest, amu, amu protest latest news, amu protest news,

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending